पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/११३८

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जायगा तो बड़े बड़े स्थानों में यह पोल निकलेगी ऐसा कदापि न होना चाहिए और हिन्दुओं का कल्याण भी इसी में है कि वह शिवाला यथा स्थित रहे । सम्पादकीय टिप्पड़ी कविवचन सुधा जिल्द २ नं० १९ सं० १९२८ एक बार हिजड़ो पर भी आपत्ति आयी थी हिजड़ों के लिए सूचना: हिजड़ों के लिए एक नयी नीति प्रस्तुत की गयी है । उसके एक विभाग में लिखा है कि यदि कोई हिजड़ा स्त्री का वस्त्र धारण कर गली या सड़क में नाचेगा वा गावैगा और कोई इसी प्रकार का कर्म करेगा तो उसको दो वर्ष कारावद होना पड़ेगा। कविवचन सुधा ११ नवम्बर १८७१ जि. ३ नं. ६ भारतेन्दु की पुस्तक प्रेम और ज्ञान की पिपासा -सं० विज्ञापन:- सन् १८७१ की पहली जनवरी से ३१ दिसम्बर तक हिन्दी वा संस्कृत में जितनी पुस्तकें छपैं मैं सब में की एक एक प्रति मोल लेता हूँ । सब छापने वाले को उचित है कि जो पुस्तक नई छापें एक प्रति भेज दें और मूल्य मंगवा लें। २६ दिसम्बर, १८७१ हरिश्चंद्र कविवचन सुधा जि. ३, २६ दिसम्बर, १८७१ आश्वासन के बाद भी चंदा नहीं मिलता था। -सं. विज्ञापन: श्री रामनारायण दास आनरेरी मजिस्ट्रेट आपने मेरे स्कूल में ५ रुपये मासिक देने को कहा था उसको १४ महीने हुए परन्तु अनुग्रह नहीं किया इन दिनों स्कूल में रुपयों की आवश्यकता है इससे आशा करता हूँ कि आप शीघ्र भेज देंगे। १ नवम्बर १८७० हरिश्चंद्र मालिक-चौखम्बा स्कूल कविवचन सुधा जिल्द दो नम्बर सं० १९२७ नकली अशर्फियों के सन्दर्भ में सं० सूचना आजकल किसी ने बहुत से झूठी अशरफिया बनाकर चलाई है । यद्यपि हम लोगों ने चाहा सविस्तार वृतांत लिखें परन्तु हमको अभी ठीक समाचार नहीं मिला, आशा है कि भविष्य नम्बर में कुछ लिखें 1 कविवचन सुधा जि. २ नं. ८ सप्लीमेंट पौष कृष्ण ३० सं० १९२७ HX0 भारतेन्दु समग्र २०९४