पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/११३९

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हैजे से कैसे बचे-सं० सूचना इन हैजे का उपद्रव बहुतायत से फैल जाता है इस हेतु लोगों को उचित है कि नीचे लिखा हुआ उपाय करें। निश्चय है कि इस उपाय से बड़ा बचाव होगा। सब लोग छोटे या बड़े एक एक ताम्बें का पैसा या अघेला या तावे का जन्तर या तावें का कोई टुकड़ा डोरे में पिरोकर गले में इस चाल से पहिरे कि वह छाती के नीचे लटकता रहे और धूप में बहुत न फिरै और भोजन दस बजे तक कर लें और घर में मैलापन न रखें और हैजे की चर्चा बहुत न करें । निश्चय ही जो लोग यह उपाय करेंगे उनको ईश्वर उसे बुरे रोग से बचावेगा। -हरिश्चंद्र कविवचन सुधा चैत्र १५, १९२७ जि० २ नं० १५ सप्लीमेन्ट असमर्थता और अस्वस्थता की विज्ञपित होती थी -सं० विशेष विज्ञापन सम्पादक के अस्वस्थ होने से यह अंक विशेष मनोरंजक नहीं हुआ । परन्तु हम अपने ग्राहकों को समाचार देते हैं कि अगला नम्बर बहुत ही मनोरंजक होगा। हरिश्चंद्र मैगजीन १५ फरवरी १८७४ इस पत्र के सम्पादक का जी अच्छा नहीं है । और वह व्याधि ऐसी है कि पढ़ने लिखने से और भी बढ़ती है । इस्से ग्राहकों से निवेदन है कि जब तक ईश्वर उसे फि ज्यों का त्यों भली भांति चंगा न कर दे तब तक इस अप्रबन्ध मात्र को आप लोग क्षमा करेंगे। हरिश्चंद्र मैगजीन मार्च १५, १८७४ इश्तिहार कवितावर्दिनी की दूसरी सभा अगहन कृष्ण को होगी समस्या:-बीस रवि दस ससि संगही उदै भये वर्णन संध्या का: चाहे जिस छंद में हो । सूड़िया नई धर्मशाला कार्तिक कृष्ण ५ -हरिश्चंद्र क. ब. सभा का लेखाध्यक्ष कविवचन सुधा-कार्तिककृष्ण ३० सं. १९२७ जिल्द दो नं०४ कवितावर्धिनी सभाः कवितावर्दिनी सभा की तीसरी सभा पूस बदी एक को सूड़िया पर नई धर्मशाला में होगी। १. समस्या- खेलत आगन नन्द को लाला । २. वर्णन - पुरुष के वा स्त्री के खुले हुए बालों की शोभा का वर्णन । मार्गशीर्घ कृष्ण ३० हरिश्चंद्र क. ब. सभा कार्यालय लेखाध्यक्ष, क. ब. सभा कविवचन सुधा- जि० २ सं० ६ सम्वत १९२७ पत्रकार कर्म १०९५