पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/११४३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
      • 03

विशेषतः ।।४।। माघाच्छनगुणम्युण्यम्बे शाखे मासि लम्बते । तम्मात्सहस्रगुणितन्तुलासंस्थे दिवाकरे ।।५।। कोटिगुणितं वृश्चिकस्थे दिवाकरे । मार्गशीर्षे धिकस्तस्मात्सर्वदा मम ।।६।। और भी बहुत सा माहात्म्य है कहां तक लिखें अर्थात इस महीने में प्रातः स्नान तुलसी और कदम्बपूजन से बढ़ कर मोक्ष का दूसरा उपाय नहीं है और कदम्बपूजन इस में मुख्यता विशेष है । यथा । पूजवेत्संस्मरेद्यस्तु कदम्बसर्वकामदं । सर्वान् कामानवापीति इहामुत्र न संशयः ।। इस वास्ते आप लोग इस में जां तक बन पड़े स्नान दानादि कीजिए और दूसरे लोगों को भी इस का उपदेश कीजिए किमधिकम्, इति । चौखाम्भा बनारस हरिश्चन्द्र यह विज्ञापन "कविवचन सुधा' में छपा था। -सं० सब पर विदित हो कि फ्रांसीस में जो युद्ध हुआ है और हो रहा है उस का वर्णन जो कोई नाटक की रीति से करेगा तो उस को मेरी ओर से ४००) पारितोषिक मिलेगा, परन्तु उस के ये नियम है:- (१) पुस्तक बीररस अंगी होता और करुणा और रौद्र उसके अंग होंगे। (२) इस के पढ़ने से युद्ध का आद्योपान्त सब वृतान्त जाना जाय कि युद्ध कब और क्यों आरम्भ हुआ और कब तक रहा और इस में क्या-क्या हुआ । ऊ३) इस का फल यह हो कि पुस्तक के पढ़ने से मनुष्य सन्धि और विग्रह इत्यादि नीति में और युद्धकर्म में चतुर हो जाय और २०० पृष्ठ से न्यून न हो । (३) नीचे लिखे हुए लोग इस की परीक्षा करेंगे कि पुस्तक यथोचित बनी है कि नहीं तब पारितोषिक मिलेगा। बाबू राजेन्द्र लाल मित्र. कुंअर लक्षण सिंह । २४.२.७८ हरिश्चन्द्र १६ सितम्बर १८७२ के अंक में एक विज्ञापन द्वारा यह ज्ञात होता है कि भारतेन्दु जी उर्दू में कासिद नाम का एक पत्र भी निकालना चाहते थे। -सं० "कासिद । सातएं दिन आवैगा ।।" नये हितकारी और विचित्र समाचार कहेगा ।।" यह एक साप्ताहिक उर्दू पत्र निकलैगा इस्में अनेक हित की नये उदगार की साम्प्रत समयानुसार लोक वृद्धि की और अनेक शुभ समाचार की बातें रहेगी यह पत्र बहुत उत्तम बड़े बड़े पृष्ठों में स्वच्छ अक्षरों में छपैगा। मूल्य-१० रु. वार्षिक हरिश्चन्द्र उद्यमकर्ता "भारत मित्र के १८८१ के कई अंको में' हरिश्चंद्र के नाम से गोवध निवारण सम्बन्धी साहित्य रचना के लिए एक विज्ञापन छपा है। -सं० सूचना गोवध निवारण विषयक भाषा काव्य जो रचना करेगा उसको ५ रु०, १५ रु०, २५ रु०, जिस योग्य होगा पुरस्कार दिया जायेगा । कोई नाटक सा उपाख्यान (नावेल बुखान्त बहुत अच्छा किसी विषय पत्रकार कर्म १०९७