पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/६२३

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हुए थे। सान्तिलाना, नाहरो और रूएडा नामक कवियों ने इस बकहर्स्ट से मारवूडाक नामक पहला वियोगान्त नाटक आपत्ति से बचने को अपनी लेखनी को धर्मविषय के बनाया । उस के पीछे स्टिल, किड, लाज, ग्रीन, नाटकों के लिखने पर परिचालित किया । विशेष कर लायली, पील, मार्ली और नैश इत्यादिक कई पसिन के करवैनृस ने अपने नाटक ऐसी उत्तमता से लिखे कि नाटककार हुए । जगत विख्यात शेक्सपीयर ने अपने लोगों के चित्त से नाटकों की बुराई का संस्कार वाक्य माधुर्य के आगे सब को जीत लिया । यह प्रसिद्ध एकबारगी उठा दिया । इस के पीछे कल्डिरन भी ऐसा कवि सन् १५६४ में स्टम्ट फोर्ड बार्बिक्शायर में ही उत्तम कवि हुआ कि उस को राजनियम विरूद्ध होने | उत्पन्न हुआ । इसका पिता ऊन का व्यवसाय करता पर सैतीस बरस के वास्ते नाटक लिखने की राजाज्ञा था और उसके दस लड़कों में शेक्सपीयर सब से बड़ा मिली । ये दोनों कवि सत्रहवीं शताब्दी के पूर्व भाग में था । काल पा कर यह ऐसा प्रसिद्ध कवि हुआ कि पृथ्वी के मुख्य कवियों की गणना में एक रत्न समझा जाने फरासीस में नाटकों के विषय में बहुत सा बादानु लगा । इस को जैसी कविताशक्ति थी वैसी ही विचिन्न वाद होता रहा और इसके होने के नियमों पर लोगों में | कथाओं की बांधने की भी शक्ति थी। जिस के बड़ा चरचा रहा किन्तु कोई बहुत उत्तम नाटक लेखक | मस्तिष्क में ये दोनों शक्त्तियां एकत्र हो उस के बनाए उस समय नहीं हुआ । जाडिली ने पहले पहल पांच हुए नाटकों का क्या पूछना है । नाटक भी इस ने बहुत अंक का एक वियोगान्त नाटक ठीक चाल पर बनाया बनाए और सब रस के। निस्सन्देह यह मनुष्य और फरासीस के दूसरे हेनरी बादशाह के सामने वह परमेश्वर की सृष्टि का एक रत्न हुआ है। खेला गया । चौदहवें लुइस के दरबार में कार्निली, बेनजान्सन, व्यूमौन और फ्लेचर ये तीन शेक्स- मालिएरी और रैसिनी क्रम से एक दूसरे अच्छे नाटक पीअर के समकालीन प्रसिद्ध नाटककार हुए हैं। वाले हुए । इस के पीछे बालटायर बड़ा प्रसिद्ध हुआ | मैसिन्जर, फोर्ड और शरली के काल तक इंगलैंड की वाले हुए । इस के पीछे वालटायर बड़ा प्रसिद्ध हुआ | प्राचीन नाटक प्रणाली समाप्त होती है। सत्रहवीं और फिर चार पांच और प्रसिद्ध कवि हुए । शताब्दी के अन्त में ड्राइडन ने नई प्रणाली के नाटक जर्मनी के नाटक के इतिहास में अठारहवीं शताब्दी | लिखने आरम्भ किए । अठारहवीं शताबदी में ली, के आरम्भ तक कोई भी विशेष बात नहीं । लेसिंग ने आटबे, ग्रे. कानग्रीव, सिबर, विचरली. वैनब्रो, पहले पहल अपनी धूम धाम की समालोचना में जर्मनी फारक्वहर, एडिसन जान्सन, यंग टामसन, लिलो. का ध्यान इधर फेरा । इसके पीछे गोधी और सिलर मूर, गैरिक, गोल्डस्मिथ कालमन्स, कम्बरलैंड, यह दो बड़े प्रसिद्ध लेखक हुए । हालक्राफ्ट, बीबी इन्च वाल्ड, लुइस, मैटूरिन इंग्लैण्ड के नाटकों का इतिहास अत्यन्त | नैट्यूरिन तथा आधुनिक काल में शिरिडन नोल्स, अंखलाबद है । पहले यहां केवल मत सम्बन्धी नाटक बुलवरलिटन लॉडबैरन, कालेरिज, हेनरी, टेलर, होते थे और इन का प्रबन्ध भी पादरियों के हाथ में टालफोर्ड जेरल्ड ब्रूक्स, मार्स्टन, टामटेलर, रहता था। ये नाटक दो प्रकार के होते थे एक चासरीड, राबर्टसन, विल्स वैरन, गिल्वर्ट, धर्मसम्बन्धी आश्चर्य घटनाओं के दूसरे शिक्षा- | स्विनवन, टेनीसन और ब्रौनिंग प्रसिद्ध नाटककार गद्य सम्बन्धी । इंग्लैण्ड के पुनरसंस्कार ने इन पुरानी बातों पद्य के कवि हुए हैं। में कोई स्वाद बाकी न रक्खा । यहा तक कि सोलहवीं इंगलैंड में इन नाटक लिखनेवालों के हेतु एक शताब्दी के मध्य में संयोग और वियोग के नाटक राजनियम है जिस से अपने जीवित समय में कवि लोग स्वतंत्र रूप से वहां प्रचण्ड हुए । पहला संयोगान्त नाटक सन् १५५७ में निकोलस उडाल ने लिखा । और उन के पीछे उन के उत्तराधिकारी कविस्वत्व का ठीक उसके दस बरस पीछे बीबी नोरटेन और लार्ड || भोग कर सकते हैं । ।। इति ।। 6.3 नाटक ५७९