पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/६७१

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के शोक में आतुर थे, जिनने उन्हें अंत में पुकारा और मरण समय उन्हीं का नाम लिया । हा ! यह यात्रा निम्नलिखित रीति पर गवर्नमेंट हाउस में पहुँच । कार्टर मास्टर जेनरल के विभाग का एक अश्वारोही अफसर फस्ट बंगाल केवलरी (अश्वराही सेना) का एक भाग, कलकत्ते के वालंटीयर्स की रैफल पलटन अस्त्र उलटा लिए हुए और श्री महाराणी की १४ वीं रेजिमेंट का शोकसूचक बाजा बजता हुआ । श्रीमान का बाजा बॉडी गार्ड शरीररक्षक पैदल दुर्ग और कथील गिरजा के पाद्री श्री मान के चापलेन डाक्टर जे. फेअरर सी. एस. आई., करनेल जी. डिलेन कमाडिग वाडी गार्ड क. एफ. एच. ग्रेगरी एडीकाँग डाक्टर ओ. बर्नेट के. एच. वी. लॉकटड एडीकाँग क.टी. एम जोन्स आर. एन. श्रीमान् का एल. टी. डीन मृतक शरीर क. आर. एच. आट एडिकाग एक तोप की गाड़ी पर हुबादार मेजर और सरदार बहादुर शिवबख्या अवस्ती एडिकाग क. सी. एल. सी. डी रोवक एडिकांग ले. सी. हाकिन्स आर. एन. मेजर ओ. टी. वर्न प्राईवेट सेक्रेटरी मुख शोक प्रकाशका आनरेब्ल आर. बोर्क, आनरएब्ल टी. बोर्क, मेजर बोर्क। श्रीमान् का विश्वासपात्र क्लर्क वा लेखक। श्रीमान के सेवक। श्रीमान् के पलटन के अफसर। श्रीमाला के एतद्देशीय सेवक। माझी नौकास्थ लोग और ग्लासगो और डाफनी नाम नौका का तोपखाना। उक्त नौकाओं के अफसर । अस्मिन् कालिक गवर्नर-जेनरल) बंगाल के लेफ्टिनेन्ट-गवर्नर और श्रीमान् कमांडर-इन-चीफ। बंगाल के चीफ जस्टिस, कलकत्ते के लॉर्ड विशप, आर्क बिशप और पश्चिम बंगाल के विकार अपॉस्टोलिक। श्रीमान् गवर्नर-जेनरल के सभा के सभासद । कलकत्ते के पुइन जज्ज। चरितावली ६२७