पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/६८०

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महाराज मल्हार राव की जन्म कुण्डली ७ बु. चं १० के. ५ 82 २म. 8 महाराज के प्रस्तुत दशा का कारण लग्नेश ७, मौम है दशमेश रवि १ तनु भावि दोनों का परस्पर दृष्टि योग है। लग्नकर्माधिनेतारौ अन्योन्याश्रयि संस्थिती। राजयोगावितिप्रोक्तौ विख्यातौविजयीभवेत् ॥११॥ टीपू सुल्तान की जन्म कुण्डली २ शु. १२ रा. १म. १० श. ५ 4. के.६ 5 Hulle भारतेन्दु समग्र ६३६