पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/८००

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१५ दिन 0 O १७०२ १७२० सानी कोई रुपया अपने नाम का नही चलाया बादशाह होने के पीछे टाब्दुल्लाह खाँ ने १५ दिन के हेतु बादशाह बनाया था। दिला १७२० नादिरशाद आया । २८ वर्ष ३ मास १४ दिन मृत्यु से मरा। शहे फलके हम रविश असार अकि अबो । फिरदोस आफ्ताब जहाँ चुमलगी फरोग गिरफ्त्त !। राम- शुद बजाद : फिरदोस अनों सराय सिपंच गाह सरोद हातिफे गैबी कि गो बजिन्नत रफ्त ।। मुक्तान उल्मशायब की दरगाह पहिले ४७ वर्ष१ २७ रवी- चौकोर 6. मास १ दिन उस्सानी पर एक ओर नादिर के सन् १९६१ कलमा एक दिल्ली से हिजरी और नाम जाने की पीछे गोल तारीख ७ त. पर सफर सन् मुहम्मद शाह ११५२ हिजरी बादशाह गाजी साहिबकिरा १७४८ १७५४ मृत्यु से मरा । एक ओर मास ३ दिन कलमा एक और नाम ५० वर्ष ३ मास १३ दिन मगलवान बर बस्त नू मुजाहिदा रसा जिंदगी । दिल्ली १० शावान हर कस दर रश्के बहमिजगाने वेश मुफ्त ।। अरामगाह सन् ११८८ दातिफ बराय साल वफातश कि नागहाँ । हिजरी साले वफात साल वफात हाय हाय गुपन्त ।। बृहस्पतिवार शाह आली नसब अचीवुबीन । दिल्ली ७ रबी कस बूद दर जवान रहमत जाय।। मजिल के हाता उस्सानी सन् गुफ्त हातिफ चु रफ्त दर जिन्नत । मकबिर: १७५४ १७६९ एमादुलमुल्क के १ वर्ष ७ मास २७ दिन एकर कप्तमा एक ओर नाम ७३ वर्ष कुछ मास कुछ दिन कहने से मेहदी कुती खाँ ने कत्ल का लिया