पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/८४५

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४ हसन हिजरी ६२५ ई. 1 ३ अली अबूतालिब फातिमा (असद ५९९ ईसवी ११ रजब ६२ ४० हिजरी १७ पुत्र वा कूफा. नजफ ठीक सुन्नियों के चौथे खलीफा । शीआओं के पहल की बेटी) मक्के में १५ रमजान १९, १७ नहीं मालूम इमाम । पाँच बरस तीन महीना खिलाफ़त किया । कन्या | माता और पिता दोनों संबंध में यह म. मुहम्मद के | बहुत पास ये अर्थात् चचेरे और मौसेरे भाई थे । यह | सैयदों के वंशकर्ता और फकीरों के मूल गुरु है । नौ 'विवाह किए थे। अली फातिमा १५ शाबान सन् २४५।। १रबीउल औवल १९ पुत्र, मदीना सुन्नियों के पाँचवें खलीफा तथा शीआओं के दूसरे ९५ हिजरी ८ कन्या इमाम थे छ महीना खिलाफत किया । विष से ६७० ईसवी शहीद हुए । पाँच पुत्रों का वंश है। ५ हुसैन | अली फातिमा ५ शाबान सन् ४ हिजरी ५१ वर्ष | १० मुहर्रम ६ पुत्र. करबला शीआओं के तीसरे इमाम । करबला के प्रसिद्ध युद्ध ६२६ ई. ५ महीना ६१ हिजरी ८कन्या में शहीद हुए । ५ दिन ३ पुत्र, मदीना ६ अबूबकर अबीकहाफ | उमउल खैर सुन्नियों के पहले खलीफा थे । महात्मा मुहम्मद ५७१ ईसवी ६३ २ कन्या के पीछे दो बरस तीन महीना खलीफा रहे । महात्मा मुहम्मद की छोटी स्त्री आयशा के पिता थे । चार स्त्री थीं और मुसलमानी धर्म फैलाने को इन्होंने बहुत सा द्रव्य व्यय किया था। ७ उमर खिताब ख़तमा मदीना ६३ दूसरे खलीफा थे, १० बरस आठ महीने खलीफा ४४ई. ३कन्या रहे । शहीद हुए. ६ पत्नी और दो उप-पत्नी थीं । ८ उसमान अफ़ान अरदी ५७५ ईसवी ८२ तीसरे खलीफा थे । १२ बरस खलीफा रहे । इन- ३५ या ३४ मदीना हिजरी ६५२ ई. ४ कन्या को महात्मा मुहम्मद की दो बेटियाँ व्याही थीं किन्तु उनको संतति नहीं थी । आठ स्त्री थीं । पूर्वोक्त तीनों खलीफा की संतति शेख कहलाती हैं ९ इमाम इमाम हुसेन शहरबानू (नौशेरवाँ ३६ हिजरी ५८ जैनुलाबदीन ९४ हिजरी | से पाँचवीं) । शीआ लोग केवल इन्हीं की संतति को सैयद ८कन्या मानते हैं। १० इमाम हुसैन के पुत्र उसम (अब्दुल्लहई ५८ हिजरी ११८ वा ११ पुत्र, मदीना बाकर अली इमन की बेटी) ४ कन्या ६८३ ई. १३ हिजरी ६३४ ई. पंच पवित्रात्मा ८०१ २३ हिजरी ९ पुत्र, ५८२ ईसवी 1 ९ पुत्र, ! मदीना ११७ हिजरी