पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/९६९

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2 प्रय अन्य प्रमाण के अनुसार अष्ट सखी को चक्र श्री चित्रा श्री सुदेवी श्री रंगदेवी नान्दीमुखी श्री तुंगविद्या श्री चम्पकलता जी श्री विशाखा जी अनुराधा जी श्री ललिता जी श्री इन्दुलखा शुचिभानु उधिभानु धर्मभानु सुभानु बरमानु चंद्रभानु गुणभानु सत्यभानु पितानाम सचिरकला कमला धर्मकला सुनुकता वरकना गुणकता सत्यकला मातानाम कुरामप्रभा सलोना कमलकेसर प्रभा गोर हरतालप्रमा पांगकप्रभा वामिनीनभा गारोवनप्रभाग सूहा उहहुल के पूल पोला अनार के फूल नील चावतारा मयूरपिच्छ वस्त्र रंग जिलादि पान कशपाशरचनादि| भरण शय्या कहानी जनादि वस्त्रादि युगल सर्वस्व ९२० पानकीबोड़ो मुख्यसेवा मध्या मुख्य चातुर्य शुकपाठ तिलक आदि जगार माल्यनिर्माण याद्यादि काक सदा साथ यचासाचे सिद्ध करना महबद्धन कलकंठी. शशिकला, कुरगाशी उन को सखियों के मिहिर कुडाला. रसालिका. तिलकिनी, सुगधिका. सोरसेनी, नागरा, रामिलिका. नागवानका कावेरी, मनोहरा, मजुकेशी केशिका, हीरा, चारुकुमारी, दीरकंठा, महाडीरा सुंदरी, कैवर्पा, प्रमर्मजरी. कामलता. मधुधिया. मंजुमेधा. चित्रलेखा. सुमेधिका मेदिनी, गुणचूड़ा. मधुरा, रसतुंगा. भधुस्वंदा, मदतुंगा. मधुरेक्षणाः गानकला. तनुमध्या. सुमंगला. वाराणी चित्रांगी नद्रिका, सुपरित्रा. मैडिनी, चंदाता, रसऐनी. सुमंदिरा माधवी. मालती. कुंजरी, हरिनी, चपला, गव रखा. शुभानना. सोरमी रत्नप्रभा. रतिकता. निपुणा, कलहंसी, कलापिनी, सुमुखी. मन्मथमादा सो रभा मुसाहिब सवासख्य परमांतरंग इन परी प्रिया सख्य सच्य