पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/९८७

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नवम स्कंध- नरक स्थिति कथन । षष्ठ स्कंध - १. अजामिल चरित्र २. दक्ष सृष्टि निरूपण ३. वृत्रासुर आख्यान ४. मस्त जन्म कथन । सप्तम स्कंध १. प्रहलाद चरित्र २. वर्णाश्रम निरूपण ३. वासना कर्म इत्यादि कीर्तन । अष्टम स्कंध -१. गजेन्द्र गोक्षण २. मन्वन्तर निरूपण ३. समुद्रमंथन ४. बलि वैभव एवं बधन ५. मत्स्यावतार चरित्र । १. सूर्यवंश कथन २. रामायण ३. सोमवंश निरूपण । दशमस्कंध - १. श्री कृष्ण बाल चरित्र २. कौमार चरित्र ३. ब्रज स्थिति ४. कैशोर लीला ५. मथुरावास ६. यौवन ७ द्वारकास्थिति ८. भूभार-हरण । एकादश स्कंध -१. वसुदेव-नारद संवाद २. यदु-दत्तात्रेय संवाद ३. श्रीकृष्ण-उद्धव संवाद ४. यादव मुक्ति कथन । द्वादश स्कंध-१. भविष्य एवं कलि कथा २. परीक्षित मोक्ष ३. वेदशाखा कथन ४. मार्कडेय तपस्या ५. सौरी विभूति कथन ६. पुराण संख्या कथन । फलश्रुति - यह पुराण हेम सिंहासनस्थ करके भादो पूर्णिमा को प्रीति पूर्वक ब्राह्मण को वस्त्र एवं स्वर्ण सहित दान करने से भगवद्भक्ति लाभ होता है और श्रवण करने से अथवा प्रवण कराने से भक्ति और मुक्ति लाभ होता है और इसकी अनुक्रमणिका श्रवण करने किंवा कराने से संपूर्ण भागवत श्रवण फल लभ्य होता है । षष्ठ नारद पुराण पूर्व एवं उत्तर दो भाग में २५००० पच्चीस सहस्र श्लोक । पूर्व भाग चार पद में विभक्त पूर्व भाग का प्रथम पाद सूत-शौनक संवाद - १. सृष्टि संक्षेप वर्णन एवं नाना धर्म कथा । पूर्व भाग द्वितीय पाद - १. मोक्ष धर्म कथन मोक्षोपाय निरूपण २. वेदांग कथन ३. सनन्दन कर्तृक नारद प्रति शुकोत्पत्ति कथन ४. महातंत्र से पशुपाश विमोचन ५. मंत्रशोधन ६. दीक्षा ७. मंत्रोद्धार पूजा प्रयोग कवच विष्णु सहस्र नाम एवं स्तोत्र ८. गणेश सूर्य विष्णु शिव एवं शक्ति का क्रम से उपाख्यान कथन । पूर्व भाग तृतीय पाद - १. नारद और सनत्कुमार संवाद २. पुराण लक्षण प्रमाण एवं दान काल कथन ३. चैत्रादि मास की प्रतिपदादि तिथि व्रत विस्तार कथन । पूर्वभाग चतुर्थ पाद - १. सनातन कर्तृक नारद प्रति बृहदाख्यान कथन । उत्तर भाग- १. एकादशी व्रत विषयक प्रश्न २. वशिष्ट एवं मांधाता का संवाद ३. रुक्मांगद की कथा ४. मोहिनी की उत्पत्ति एवं संवाद ५. मोहिनी प्रति वसु का शाप एवं उद्धार ६. गंगा की पुण्य कथा ७. गया यात्रा ८. काशी माहात्म्य ९. पुरुषोत्तम वर्णन १०. क्षेत्र यात्रा एवं अन्यान्य बहु कथा ११. प्रयाग माहात्म्य १२. कुरुक्षेत्र माहात्म्य १३. हरिद्वार माहात्म्य १४. कामोदा आख्यान १५. बदरी तीर्थ माहात्म्य १६. कामाख्या माहात्म्य १७. प्रभास माहात्म्य १८. पुराण आख्यान १९. गौतमाख्यान २०. वेदपादस्तव २१. गोकर्ण क्षेत्र माहात्म्य २२. लक्षण आख्यान २३. सेतु माहात्म्य २४. नर्मदा माहात्म्य २५. अवंती माहात्म्य २६. मथुरा माहात्म्य २७. वृंदावन माहात्म्य २८. ब्रह्मा के निकट वसु का गमन २९. मोहिनी चरित्र कथन । फल श्रुति 1- यह पुराण श्रवण करने किंवा श्रवण कराने से ब्रह्म धाम प्राप्ति होती है और अनुक्रमणिका प्रवण करने किंवा श्रवण कराने से स्वर्ग लाभ होता है और यह पुराण आश्विनी पूर्णिमा को सप्त धेनु युक्त उत्तम ब्राहमण को दान करने से मोक्ष प्राप्ति होती है। सप्तम मार्कण्डेय पुराण ९००० नौ सहस्र श्लोक १. मार्कंडेय कर्तृक जैमिनि का पक्षियों के निकट प्रेरण २. धर्म पक्षि सकल का जन्म निरूपण ३. इनकी पूर्व जन्म कथा ४. सूर्य क्रिया कथन ५. बलदेव तीर्थ यात्रा ६. द्रौपदेय कथा ७. हरिश्चंद्रपुण्य कथा ८. आडीवन अष्टादश पुराण की उपक्रमणिका ९४३