पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/९८९

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सौर विषय शेष कथा १०. नाना आख्यान युक्त प्रतिसृष्टि नाम वर्णन ११. पुराण उपसंहार एवं पंच पर्व कथन । इस पर्व में धर्म विषय में ब्रहमा की महिमा का आधिक्य कथन है। द्वितीय पर्व भोग विषय में शिवमाहात्म्य कथन । तृतीय पर्व - मोक्ष विषय में विष्णु का माहात्म्य कथन । चतुर्थ विषय - चतुर्वर्ग विषय में सूर्य माहात्म्य कथन । पंचम पर्व - सर्व कथा युक्त प्रति सर्ग वर्णन । इस पुराण में अद्वितीय ब्रह्म का गुण तारतम्य रूप भेद से सकल देव की समता वर्णित है। फल श्रुति - यह पुराण लिखकर पोषी पौर्णिमा को गुड़ धेनु स्वर्ण वस्त्र सहित पुराण पाठक ब्राह्मण को दान करने से एवं श्रवण किंवा पाठ करने से सकल घोर पाप से विमुक्ति एवं ब्रह्मपद प्राप्ति होती है और पुराण की अनुक्रमणिका पाठ किंवा श्रवण करने से भक्ति मुक्ति मिलती है। दशम ब्रह्मवैवर्तपुराण चार खंड १८००० अठारह सहस्र श्लोक । १. ब्रहम खंड २. प्रकृति खंड ३. गणेश खंड ४. श्रीकृष्णजन्म खंड । सूत-ऋषि संवाद प्रथम ब्रहमखंड - १. सृष्टि प्रकरण २. नारद और ब्रहमा विवाद एवं शापान्त ३. नारद का शिवलोक गमन एवं गान शिक्षा ४. शिवादेश से मारीचि के सहित नारद का सावर्णि प्रबोधार्थ सिद्धाश्रम में गमन । द्वितीय प्रकृति खंड - १. सावर्णि-नारद संवाद २. श्रीकृष्ण माहात्म्य युक्त नानाख्यान ३. प्रकृति की अंश और कलाओं का माहात्म्य वर्णन ४. उनका गंगादि विस्तार और माहात्म्य वर्णन । तृतीय गणेशखंड - १. गणेशजन्म प्रश्न २. पुण्यव्रत कथन ३. पार्वती कार्तिक एवं गणेश जन्म ४. कार्तवीर्य चरित्र ५. परशुराम विवरण ६. जमदग्नि एवं गणेश का आश्चर्य विवाद । चतुर्थ श्रीकृष्ण जन्म खंड - १. श्रीकृष्ण जन्म प्रश्न एवं जन्मकथा २. गोकुल गमन ३.पूतनादि वध ४. बाल्य-कौमार विविध लीला वर्णन ५. शरत्काल में गोपी सहित रास क्रीड़ा ६. श्री राधिका सहित निर्जन क्रीडा विस्तार वर्णन ७. अक्र सहित हरि मथुरा गमन ८. कंस वध ९. द्विज संस्कार १०. सांदीपनी गुरु निकट विद्योपार्जन ११. कालयवन वध १२. द्वारिका गमन १३. नरकादि वध वर्णन । फल श्रुति - यह पुराण लिखकर माघ मास में धेनु सहित ब्राहमण को दान करने से ब्रह्मलोक प्राप्ति होती है एवं अज्ञान बंधन से मुक्ति होती है और पाठ किंवा श्रवण करने से संसार बंधन क्षय होता है तथा इसी पुराण की अनुक्रमणिका पाठ करने से श्रीकृष्ण के प्रसाद से वांछित फल लाभ होता है ! एकादश लिंग पुराण पूर्व एवं उत्तर दो भाग ११००० ग्यारह सहस श्लोक । शिव माहात्म्य प्रकाशक अग्नि कल्प कथा । पूर्व भाग -१. पुराणांत में सृष्टि विषयक संक्षेप प्रश्न २. योगाख्यान ३. कल्पाख्यान ४. लिंगउद्भव एवं पूजा ५. सनत्कुमार और शैलादि का संवाद ६. दधीचि चरित्र ७. युग धर्म निरूपण ८. कोष कथन ९. सूर्य वंश एवं सोम वंश वर्णन १०. सृष्टि वर्णन एवं त्रिपुर आख्यान ११. लिंग प्रतिष्ठा कथन १२. पशुपाश विमोक्षण १३. शिव व्रत १४. सदाचार निरूपण १५. प्रायश्चित्त कथन १६. श्रीशैल वर्णन १७. अंधक आख्यान १८. वाराह चरित्र १९. नृसिंह चरित्र २०. जलंधरवध २१. शिव सहस्रनाम २२. दक्षयज्ञ विनाश २३. कामदेव दहन २४. गिरिजा सह शिव विवाह २५. विनायक आख्यान २६. शिवनृत्य २७. उपमन्यु कथा । उत्तर भाग १. विष्णु माहात्म्य २. अंबरीष कथा ३. सनत्कुमारनन्दि संवाद ४. शिव माहात्म्य ५. स्नान योगादिक वर्णन ६. सूर्य पूजा विधि ७. शिव पूजा ८. बहुविध दानादि विधि ९. श्रादप्रकरण १०. मूर्ति प्रतिष्ठा प्रकरण ११. घोरतम कथा १२. ब्रजेश्वरी महाविद्या गायत्री महिमा वर्णन १३. त्र्यम्बक माहात्म्य १४. पुराण श्रवण माहात्म्य । अष्टादश पुराण की उपक्रमणिका ९४५