पृष्ठ:भारतेन्दु बाबू हरिश्चंद्र का जीवन चरित्र.djvu/१२४

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चन्द्रास्त

अर्थात्

श्रीमान कविशिरोमणि भारतभूषण भारतेन्दु श्री हरिश्चन्द्र का सत्यलोक गमन।

अद्य निराधाराऽभूदिवगते श्री हरिश्चन्द्रे । भारतधरा विशेपादभाग्यरूपा महोदयानेन्द्रे ॥

अतिशय दुखित व्यास रामशङ्कर शर्मा लिखित

अमीरसिंह द्वारा बनारस हरिप्रकाश यत्रालय मे मुद्रित हुआ

१८८५ बिना मूल्य बँटता है