पृष्ठ:भारतेन्दु बाबू हरिश्चंद्र का जीवन चरित्र.djvu/१३५

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आत्मीयो से एक बार अपने मन की बात भी कहने पाते और हमको, जिसे उस समय यह भयकर दृश्य देखना पडा था, इतना अवसर भी न मिला कि प्रतिमसम्भाषण कर लेते हा । हम अपने इस कलक को कसे दूर कर । वह मोहनी मूर्ति भुलाये से नहीं भूलती पर करै क्या । बाबू साहिब की अवस्था कुल ३४ वष ३ महीने २७ दिन १७ घ० ७ मि० ओर ४८ से की थी। पर निदयी काल से कुछ वश नही।