पृष्ठ:भारतेन्दु बाबू हरिश्चंद्र का जीवन चरित्र.djvu/२५

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(६) भारतेन्दु बाबू हरिश्चन्द्र का जीवन चरित्र से घबडा कर कहा "साहब, वह लाल कागज पर था"। लार्ड क्लाइव ने उत्तर दिया "यह आपको सब्जबाग दिखाने को था। असिल यही सफेद है"। सेठ अमीचन्द इस वाक्य के व्याघात से मूछित होकर गिर पडे। लोग उन्हें पालकी मे डालकर घर लाए। इसी प्रबल पीडा से डेड वर्ष के पश्चात् वे परमधाम सिधारे । राजा शिवप्रसाद लिखते हैं कि "अफसोस है, क्लाइव ऐसे आदमी से ऐसी बात चहर मे पावे, पर क्या करे, ईश्वर को मञ्जूर है कि आदमी का कोई काम बऐब न रहे। इस मुल्क मे अग्रेजी अमल्दारी की सचाई मे, जो मानो धोबी की धोई हुई सफेद चादर रही है, केवल उसी अमीचन्द ने उसमे एक छोटा सा धब्बा लगा दिया है। सेठ अमीचन्द उस समय कलकत्ते के प्रधान महाजनो मे थे। इनका इतिहास बाबू अक्षयकुमार मैन ने "सिराजुद्दौला" नामक नथ मे लिखा है, हम उसी को यहाँ उद्धृत करते है। "हिन्दू वणिको मे उमाचरण का नाम अग्रेजो के इतिहास मे उमीचाँद (अमीचन्द) कह कर प्रसिद्ध है । अग्रेज ऐतिहासिको ने इन्हें लोक समाज मे - - - - -- १ मीर जाफर, अमीचन्द (अमियचन्द्र) ("A man of vast wealth") और खोजा वजीद ये तीन जन थे कि जिन की सहायता से पलासी युद्ध मे अंगरेज विजयी हुए। मीरजाफर (सेनापति) को नवाब बनाने की लालच दी गई और सेठ अमीचन्द को उनका बहुत रुपया, जिसे सिराजुद्दौला ने अन्याय से ले लिया था, युद्ध जीतने और कोष पाने पर देने का वादा किया गया। पीछे रुपया देख क्लाइव लोभमे आगया। इसी लोभ ने हेष्टिङ्गस् का नाम चिरस्मरणीय बनाया और इसीसे यह हत्या करा कल्पान्त के लिये उनके और शुभ्र अँगरेजी राज्य के नाम मे कलङ्क लगा दिया। कितने अगरेज इतिहास लेखको ने यद्यपि एक स्वजाति की करनी को बडी बडी बातें बना गोपन रखना चाहा है तथापि कितने न्यायशीलो ने क्लाइव को साफ दोषी ठहराया है। अधम सभी स्थल और सभी समय अधम है। राज सेक्रेटरी T Talboys wheeler कहते है-But the action of Clive, although it did not put a penny in his pocket, has been codemned to this day as a stain upon his character as an English gentleman"