पृष्ठ:भारतेन्दु बाबू हरिश्चंद्र का जीवन चरित्र.djvu/४७

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(२८) भारतेन्दु बाबू हरिश्चन्द्र का जीवन चरित्र तो फिर वह लाख देशियो से बढ़ कर हैं । निदान मौलवी साहब मुंह ऐसा मुंह लेकर चले पाए । कहते हैं कि राजा साहब को आगरे के किले से बहुत धन मिला, जिसका ठीका उन्होने राय ज्योतिप्रसाद ठीकेदार के साझे मे लिया था। उन्होने मथुरा दाबन मे दीघविष्णु का मन्दिर, शिव तालाब कुञ्ज आदि (See Growse's Mathura), आगरे मे शीशमहल, पीली कोठी आदि, दिल्ली में प्रालीसान मकानात, काशी मे कोत्तिवासेश्वर का मन्दिर, हरतीर्थ, कमनाशा का पुल आदि सैकडो ही कीर्ति के अतिरिक्त एक करोड की सम्पत्ति छोडी, और इनका पुस्तकालय तथा औषधालय भी बहुत प्रसिद्ध था। (भारतेन्दु बाबू हरिश्चन्द्र लिखित "पुरावृत्तसग्रह" देखो)। हम राजा साहब के उदार हृदय का उदाहरण दिखाने के लिये केवल एक घटना का उल्लेख करके प्रकृत विषय का वर्णन करेंगे। राजा साहब के मुख्तार बाबू बेनीप्रसाद राजा साहब के किसी कार्यवश कलकत्ते गए थे। वहाँ लाख रुपए पर दस २ रुपए की चिट्ठी पडती थी। एक चिट्ठी इन्होने भी राजा साहब के नाम से डलवाई और राजा साहब को लिख दिया राजा साहब ने उत्तर मे लिखा कि मै जूना नहीं खेलता, यह तुमने ठीक नहीं किया, खैर अब तुम इस रुपए को खच मे लिख दो । सयोगवश वह चिट्ठी राजा साहब के नामही निकल आई और लाख रुपया मिला । बाबू बेनीप्रसाद ने फिर राजा साहब को लिखा । राजा साहब ने उत्तर मे लिखा कि हम पहिले ही लिख चुके है कि हम जूना नहीं खेलते, अतएव हम जूए का रुपया न लेंगे, तुम्हारा जो जी चाहै करो। उसी रुपए के कारण उक्त बाबू बेनीप्रसाद के वशधर काशी मे बडे गृह और जिमीदारी के स्वामी है । इस विवाह मे राजा साहब जीवित थे। सुना है कि बडी धूम का विवाह हुआ था और बडी ही शोभा हुई थी। यमुना बीबी को कई सन्तति हुई, परन्तु कोई भी न जीई । इससे अन्त मे राय प्रह्लाददास और उनकी कनिष्ठा भगिनी सुभद्रा बीबी अपने ननिहाल मे पले। राय प्रह्लाददास इस समय काशी में प्रानरेरी मेजिस्ट्रेट है। ननिहाल के ससग से इनकी रुचि सस्कृत की ओर अधिक हुई और ये अच्छी सस्कृत जानते हैं। सुभद्रा बीबी का विवाह काशी के सुप्रसिद्ध धनिक साहो गोपालदास के वशज बाबू वैद्यनाथ प्रसाद के साथ हुआ था। परन्तु अब वे दोनो ही पति पत्नी जीवित नहीं है । केवल उनके पुत्र बाबू यदुनाथ प्रसाद उनके उत्तराधिकारी हैं । गङ्गा बीबी का विवाह प्रबन्धलेखक के पिता बाबू कल्यानदास के साथ हुआ।