पृष्ठ:भारतेन्दु हरिश्चन्द्र.djvu/४०९

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[ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र काशी में गंगाजी का जो वर्णन भारतेन्दु ने किया है, वह लाजवाब है। भारतेन्दु से बढ़कर भाद-विशद वर्णन होला कठिन है। वर्ण स्वाभाविकता से भरा है, सत्य और प्राकृतिक है। इस स्वाभाविक Realistic वर्णन में भारतेन्दु अँगरेजी ककि स्कॉट की शैली का अनुकरण करते हैं।