पृष्ठ:भारत का संविधान (१९५७).djvu/३१

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अनुच्छेद पृष्ठ संख्या

संघ तथा राज्यों में राजस्वों का वितरण

२६८ संघ द्वारा आरोपित किये जाने वाले किन्तु राज्यों द्वारा संगृहीत तथा विनियोजित किये जाने वाले शुल्क
९९
२६९ संघ द्वारा आरोपित और संगृहीत, किन्तु राज्य को सौंपे जाने वाले
९९
२७० संघ द्वारा उद्गृहीत और संगृहीत तथा संघ और राज्यों के बीच वितरित कर
१००
२७१ संघ के प्रयोजनों के लिये शुल्क और करों पर अधिभार
१०१
२७२ कर जो संघ द्वारा उद्गृहीत और संग्रहीत हैं तथा जो संघ और राज्यों के बीच वितरित किये जा सकेंगे
१०१
२७३ पटसन या पटसन से बनी वस्तुओं पर निर्यात-शुल्क के स्थान में अनुदान
१०१
२७४ राज्यों के हितों से सम्बद्ध करों पर प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिये राष्ट्रपति की पूर्व सिपारिश की अपेक्षा
१०१
२७५ कतिपय राज्यों को संघ से अनुदान १०२
२७६ वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नौकरियों पर कर १०२
२७७ व्यावृत्ति १०३
२७८ [निरसित] १०३
२७९ शुद्ध आगम की गणना १०३
२८० वित्त आयोग १०४
२८१ वित्त-आयोग की सिपारिशें १०४

प्रकीर्ण वित्तीय उपबन्ध

२८२ संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व से किये जाने वाले व्यय
१०४
२८३ संचित निधियों की, आकस्मिकता-निधियों की तथा लोक-लेखों में जमा धनों की अभिरक्षा इत्यादि
१०४
२८४ लोक-सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादियों के निक्षेप और अन्य धन की अभिरक्षा
१०५
२८५ संघ की सम्पत्ति की राज्य के करों से विमुक्ति १०५
२८६ वस्तुओं के क्रय या विक्रय पर करारोपण के बारे में निर्बन्धन १०५
२८७ विद्युत पर करों से विमुक्ति १०६
२८८ पानी या विद्युत के विषय में राज्य द्वारा लिये जाने वाले करों से अवस्थाओं में विमुक्ति
१०६
२८६ संघ के कराधान से राज्यों की सम्पत्ति और आय की विमुक्ति १०७
२९० कतिपय व्ययों तथा वेतनों के विषय में समायोजन १०७
२९० कुछ देवस्वम निधियों को वार्षिक देनगी १०८
२९१ शासकों की निजी थैली की राशि १०८