पृष्ठ:भारत का संविधान (१९५७).djvu/४२१

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[१]नवम् अनुसूची

[अनुच्छेद ३१ ख]

१. बिहार भूमि सुधार अधिनियम, १९५० (१९५० का बिहार अधिनियम ३०)।

२. मुम्बई आभोग और कृषिक भूमि अधिनियम, १९४८ (१९४८ का मुम्बई अधिनियम ६७)।

३. मुम्बई मालिकी धृति उत्सादन अधिनियम, १९४९ (१९४९ का मुम्बई अधिनियम ६१)।

४. मुम्बई तालुकदारी धृति उत्सादन अधिनियम, १९४९ (१९४९ का मुम्बई अधिनियम ६२)।

५. पंच महाल मेहवासी धृति उत्पादन अधिनियम, १९४९ (१९४९ का मुम्बई अधिनियम ६३)।

६. मुम्बई खोति उत्सादन अधिनियम, १९५० ( १९५० का मुम्बई अधिनियम ६)।

७. मुम्बई परगना और कुलकर्णी वतन उत्सादन अधिनियम, १९५० (१९५० का मुम्बई अधिनियम ६०)।

८. मध्य प्रदेश स्वामित्वाधिकारों (मालिकाना हकों) (इलाकों, महालों, दुमाला भूमियों) के अन्त करने का अधिनियम, १९५० (१९५१ का मध्य प्रदेश अधिनियम १)।

९. मद्रास सम्पदा (उत्सादन और रय्यतवाड़ी में संपरिवर्तन) अधिनियम, १९४८ (१९४८ का मद्राम अधिनियम २६)।

१०. मद्रास सम्पदा (उत्सादन और रय्यतवाड़ी में संपरिवर्तन) संशोधन अधिनियम, १९५० (१९५० का मद्रास अधिनियम १)।

११. उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्ण अधिनियम, १९५० (१९५१ का उत्तर प्रदेश अधिनियम १)।

१२. हैदराबाद (जागीरों का उत्सादन ) विनियम, १३५८ च (फसली १३५८ का नं० ६९)।

१३. हैदराबाद जागीर (लघुकरण) विनियम, १३५९ च (फसली १३५९ का नं० २५)[२]

[३]१४. बिहार विस्थापित व्यक्ति पुनर्वांम (भूमि का अर्जन) अधिनियम, १९५० (१९५० का बिहार अधिनियम ३८)।

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  1. संविधान (प्रथम संशोधन) अधिनियम, १९५१, धारा १४ द्वारा जोड़ी गयी।
  2. जम्मू और कश्मीर राज्य को लागू होने में निम्नलिखित प्रविष्टियां जोड़ दी जायेंगी अर्थात्:–
    "१४. जम्मू और कश्मीर वृहद् भू सम्पदा उत्सादन अधिनियम (२००७ का नं० १७)।
    १५. जम्मू और कश्मीर बन्धक सम्पति का प्रत्यावर्तन अधिनियम (२००६ का नं० १६)।
    १६. जम्मू और काश्मीर आभोग अधिनियम (१९८० का नं० २)।
    १७. जम्मू और काश्मीर आपद्ग्रस्त ऋृणी सहायता अधिनियम (२००६ का नं.१७)।
    १८. जम्मू और कश्मीर भूमि अन्य संक्रामण अधिनियम (१९९५ का नं ५)।
    १९. जागीरों और भू-राजस्व के अन्य समनुदेशिओं आदि के पुनगृहण के बारे में १९५१ का आदेश नं० ६ एच, ता १० मार्च १९५१।
    २०. जम्मू और कश्मीर राज्य कुठ अधिनियम (१९७८ का नं० १)”।
  3. संविधान (चतुर्थ संशोधन) अधिनियम, १९५५, धारा ५ द्वारा जोड़े गये।