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परिशिष्ट
संविधान (तृतीय संशोधन) अधिनियम, १९५४
भारत के संविधान के अपर संशोधन के लिये अधिनियम
(२२ फरवरी, १९५५)
भारत गणराज्य के पांचवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नरूपेण अधिनियमित हो—
संक्षिप्त नाम१. यह अधिनियम संविधान (तृतीय संशोधन) अधिनियम, १९५४ के नाम से ज्ञात हो सकेगा।
सप्तम अनुसूची का
संशोधन२. संविधान की सप्तम अनसूची में सूची ३ में की प्रविष्टि ३३ के स्थान पर निम्नलिम्बिन प्रविष्टि रख दी जायेगी, अर्थात्—
"३३ (क) जहां संसद् द्वारा विधि द्वारा किसी उद्योग का संघ द्वारा नियंत्रण लोक हित में इष्टकर घोषित किया गया है वहां उस उद्योग में के उत्पादों में, और उसी प्रकार के आयात की गई वस्तुओं का ऐसे उत्पादों के रूप में,
- (ख) खाद्य पदार्थो का, जिनके अन्तर्गत खाद्य तिलहन और तेल हैं,
- (ग) ढोरों के चारें का, जिनके अन्तर्गत खली और अन्य सारकृत चारें है,
- (घ) कच्ची रुई का, चाहे ओटी हुई हो या बिना ओटी हुई हो और बिनौले का, और
- (ङ) कच्चे पटसन का
व्यापार और वाणिज्य तथा उत्पादन, सम्भरण और वितरण ।"
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