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परिशिष्ट
नाम | राज्यक्षेत्र |
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६. लक्कादीव, मिनिकाय और अमीनदीवी द्वीप | वह राज्यक्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ की धारा ६ में उल्लिखित है।
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अनुच्छेद ८० और
अतुर्थ अनुसूची का
संशोधन३. (१) संविधान के अनुच्छेद ८० में—
- (क) खंड (१) के उपखंड (ख) में "राज्यों के" शब्दों के पश्चात "और संघ राज्यक्षेत्रों के" शब्द अन्तःस्थापित किये जाएंगे,
- (ख) खंड (२) में “राज्यों के" शब्दों के पश्चात् "और संघ राज्यक्षेत्रों के" शब्द अन्तःस्थापित किये जाएंगे,
- (ग) खंड (४) में "प्रथम अनुसूची के भाग (क) या भाग (ख) में उल्लिखित' शब्द लुप्त कर दिये जायंगे, और
- (घ) खंड (५) में "प्रयम अनुसूची के भाग (ग) में उल्लिखित राज्यों" शब्दों और अक्षरों के स्थान पर “संघ राज्यक्षेत्रों" शब्द रख दिये जायेंगे।
(२) संविधान की चतुर्थ अनुसूची के स्थान में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ और बिहार और पश्चिमी बंगाल (गज्यक्षेत्र हस्तान्तरण) अधिनियम, १९५६ द्वारा यथा संशोधित निम्नलिखिन अनुसूची रख दी जायेगी, अर्थात्—
चतुर्थ अनुसूची
[अनुच्छेद ८ (१) और ८० (२)]
राज्य-सभा में के स्थानों का बटवारा
निम्न सारणी के प्रथम स्तम्भ में उल्लिखित प्रत्येक राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को यथास्थिति उतने स्थान बांट में दिये जायेंगे जितने कि उसके दूसरे स्तम्भ में उस राज्य या उस संघ राज्यक्षेत्र के सामने उल्लिखित हैं।
सारणी
१. आन्ध्र प्रदेश | ......१८
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२. आसाम | ......०७
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३. बिहार | ......२२
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४. मुम्बई | ......२७
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५. केरल | ......०९
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६. मध्य प्रदेश | ......१६
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७. मद्रास | ......१७
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८. मैसूर | ......१२
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९. उड़ीसा | ......१०
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१०. पंजाब | ......११
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११. राजस्थान | ......१०
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१२. उत्तर प्रदेश | ......३४
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१३. पश्चिमी बंगाल | ......१६
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१४. जम्मू तथा कश्मीर | ......०४
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१५. दिल्ली | ......०३
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१६. हिमाचल प्रदेश | ......०२
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१७. मनिपुर | ......०१
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१८. त्रिपुरा | ......०१
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कुल.२२० |