पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१२४

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पेप्सू का उद्घाटन, पटियाला १०६ को बड़ा नुकसान होगा। ऐसा हुआ तो भविष्य की प्रजा और इतिहास हमारे नाम पर बुराई की छाप लगाएंगे। इसलिए हमें सावधानी से अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए तैयार होना है। आज पटियाला राज्य और ईस्टर्न (पूर्वी) पंजाब के राज्यों का एकीकरण हो रहा है । आज से एक-दो साल पहले तक इस बात का स्वप्न भी न लिया जा सकता था। आज हिन्दुस्तान से जो टुकड़ा अलग हो गया है, उसको छोड़ कर बाकी सारा हिन्दुस्तान एक हो गया है। किसी के स्वप्न में भी पहले इसका ख्याल न आ सकता था। किसे ख्याल था कि अपना हिन्दुस्तान इतना जल्द एक हो जाएगा। पहले का इतिहास देखिए, मध्यकाल का इतिहास देखिए । यह पहला मौका है कि इतने बड़े रूप में हिन्दुस्तान एक हुआ है। यह क्यों हुआ और किस तरह से हुआ, यह सब आप जानते हैं। जो हमारा पिछले दिनों का इतिहास है, उसमें हिन्दुस्तान कई सदियों से टूटा-फूटा और छिन्न-भिन्न हो गया था। उस में हमारी कितनी गल्तियाँ थीं और कितनी जिम्मेवारियाँ थीं, यह सब आप इतिहास में देख सकते हैं। उसके लिए आज मुझे कुछ नहीं कहना है । आज तो मैं आपको यह कहने के लिए आया हूँ कि अपने हिन्दु- स्तान के पुराने इतिहास से हम शिक्षा लें। अपनी जिन गल्तियों के कारण हम इतनी सदियों तक गुलाम रहे, जिन से हमें शरमिन्दा होना पड़ा, उन से अव हम बचने की कोशिश करें। आज हम आजाद हुए हैं, और अब हिन्दुस्तान के सुपुत्रों का यह कर्तव्य है कि वे अपने देश को फिर कभी गुलाम न बनने दें। आज हमारा कर्तव्य है कि हम अपने देश को आगे बढ़ाएं। हम सीखें कि आज दुनिया के क्या ढंग हैं और उन्हीं के मुआफिक हिन्दुस्तान को चलाएँ। तभी हिन्दुस्तान की आजादी जिन्दा रह सकती है और वह आगे बढ़ सकता है । तभी दुनिया के और मुल्कों के साथ हम चल सकते हैं। आज दुनिया बहुत छोटी बन गई है। आज जो यान्त्रिक शक्ति दुनिया में पैदा हुई है, उसके सामने दुनिया एक छोटे मुल्क जैसी बन गई है। आज की इस दुनिया में हमें यदि खड़ा रहना हो और हमें अपनी सच्ची जगह पकड़नी हो, तो हमारा कर्तव्य है कि हम उसके लिए तैयार हो में आज थोड़ी-सी मुसीबत से इधर आया हूँ। आप जानते हैं कि मैं पिछले सितम्बर या अक्तूबर में इधर आया था। उसके बाद में आज इधर आ रहा