पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१३

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po भारत की एकता का निर्माण और आपका जिन्दगी भर का यह काम था कि हमारा मुल्क आजाद हो । हिन्दुस्तान आज आजाद हो गया। एशिया भी अब आजाद होने वाला है । चन्द दिनों में, बल्कि कल ही बर्मा भी आजाद हो जाएगा। लेकिन परदेसियों के हट जाने से जो आजादी हमें मिली है, क्या सचमुच वह वही आजादी है, जो आजादी हम चाहते थे, उसका हिसाब हमें लगाना चाहिए । क्योंकि खाली परदेसियों को हटा कर उनकी जगह पर हम लोग बैठ जाएँ, तो उससे हमारा काम नहीं चलेगा। तो अब हमें क्या करना चाहिए ? अपनी स्वाधीनता को पुर्ण और अपने मन के मुताबिक बनाने के लिए हमें तैयारी करनी चाहिए । वह तैयारी क्या हो, यही में आपके सामने रखना चाहता हूँ। सब से पहले मैं आपसे यह कहना चाहता हूँ कि हमने हिन्दोस्तान को परदेसी हुकूमत से तो आजाद कर लिया, लेकिन उसके बाद हिन्दुस्तान में जो हालत हुई, उससे हम लोगों को काफी दर्द हुआ । हिन्दुस्तान के दो हिस्से किए गए । दो हिस्से करने के जो कारण थे, उनके बारे में मैं कुछ भी कहना नहीं चाहता । बंगाल के भी हमें दो टुकड़े करने पड़े । दो टुकड़े क्यों हुए, उस चीज़ में जाने से आज कोई फायदा नहीं । लेकिन उससे हमको काफी नुकसान हुआ । इतना नुकसान होते हुए भी, यदि हम उस नुकसान में से, उस खराबी में से कुछ पाठ सीख लें, तो हमारा वह नुकसान कम हो जाएगा । आखिर बंगाल के दो टुकड़े करने से ही तो कोई ऐसा बिगाड़ नहीं हो सकता है कि हम एक दूसरे से इस तरह से अलग हो जाएँ, जैसे दो दुश्मन हों। क्योंकि आखिर बंगाल की भाषा एक है, एक के दो बंगाल बन जाने पर भी बंगाल का अपना एक कल्चर है, एक साहित्य है, एक रंग-ढंग है। आज तक आप साथ-साथ रहे, अब आप आपस में क्यों लड़ें? लेकिन दूसरी ओर यह भी मैं आपसे नहीं छिपाना चाहता हूँ कि मेरे दिल में काफी अन्देशा है कि अब क्या होगा? हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच में आज जो हालत है, अगर वही हालत चलती रही, तो दोनों को बड़ी मुसीबत होगी। उस मुसीबत को दूर करने के लिए हमें क्या करना चाहिए? हम कोई ऐसी चीज न करें, जिससे हमारे ऊपर कोई दोष आए। आप यह भी जानते है कि पाकिस्तान को छोड़ कर भी हमारा जो मल्क बाकी बच रहा है, वह बहुत बड़ा मुल्क है । बत्तीस करोड़ की आज भी हमारी आबादी है। अब इस बत्तीस करोड़ की आबादी वाले इतने बड़े मुल्क को उठाने के लिए अगर