पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१४७

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भारत की एकता का निर्माण पैसा कमाया है, उन्हें अब देश की इण्डस्ट्री बढ़ाने के काम में अपना रुपया लगाना चाहिए। उन्हें अब सोचना है कि खाली बैठने से क्या होगा। उनके पास नोटों का जो तोड़ा पड़ा है, वह किस काम आएगा? सब सड़ जानेवाले हैं । उनको यों ही रक्खे रहने से न आपको फायदा होगा, न मुल्क को फायदा होगा। अगर आपने पूरा इन्कमटैक्स ( आय कर ) नहीं दिया, तो उसमें आपने चोरी की । अब अगर आप कहें कि सब ने की, तो यह भी कोई दलील नहीं हुई। किसने इन्कमटैक्स पूरा दिया, किस ने नहीं दिया, उसका फैसला हमें किस तरह से करना है ? हमने कंट्रोल हटाया तो उसका क्या नतीजा आया ? जब कंट्रोल हटाया तो फायदा उठाने वाले लोगों ने मनमाना फायदा उठाना शुरू किया। तो मैं आपकी तारीफ करूँ और आप मेरी तारीफ करें, उससे हमारा काम चलनेवाला नहीं है । मैं हिन्दुस्तान भर के समझदार लोगों से अपील करना चाहता हूँ कि रात-दिन हमारे और आपके बीच झगड़ा रहने से हमारा काम नहीं चलेगा। यह बात हम भी समझते हैं, और आपको भी समझनी चाहिए । कहां तक आप अपना पैसा दबाकर बैठे रहेंगे? जब तक आपका पैसा घूमेगा नहीं, तब तक न आपका काम होगा, न हमारा होगा, न मुल्क का काम होगा। तो क्या हमें हमेशा डंडे से काम लेना होगा? एक आर० एस० एस० बालों ने हमारे साथ झगड़ा किया और दूसरा उन लोगों के साथ हमें झगड़ा करना पड़ता है जो अपने को कहते हैं कि हमें इधर परदेशी संस्कृति, राष्ट्रीय और आर्थिक, सब इधर लाना है। हमारी गवर्नमेंट तो एक साल से बनी है, और अभी बच्चा है । उसको तगड़ा बनाना हो, तो इस तरह से झगड़ा करने से क्या फायदा? जब तक आप लोग यह न समझेंगे कि हमारा क्या काम है, और हम सब का क्या कर्तव्य है, तब तक देश को तगड़ा करने का काम नहीं हो सकता। कई लोग कहते हैं कि भई, देश को तगड़ा करने का रास्ता तो निकालना वाहिए। हम भी यह सब सोचते हैं, देश की इण्डस्ट्री बढ़ाने की बात सोचते हैं। असल में जिसके पास पैसा पड़ा है, उनको यह बात सोचनी चाहिए। हमारे पास पैसा होता, तो हम वह सब मुल्क का ब्यवसाय बढ़ाने लगा देते। हम अपने धनिकों से पूछते हैं कि हमको बताइए कि कौन से रास्ते से यह काम होता है, क्योंकि यह परदेसी गवर्नमेंट नहीं है। कभी आप हमारी सलाह गलत माने, या कभी हम से गुस्सा हों, लेकिन आखिर तो इस बात का फैसला करना है।