पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१५१

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भारत की एकता का निर्माण कठिन बात है। जो छोड़े, उसी को मालूम पड़ेगा । जिसके पास नहीं है, उसका यह कहना कि यह आसान बात है, बेमतलब है। कुछ लोग कहते हैं कि हमने राजाओं को इतना पर्स दिया, इतना रुपया दिया, इतना पेंशन दिया। लेकिन जो जानता है उसको मालूम है कि यह एक प्रकार का बहुत बड़ा विप्लव है, एक बड़ा रेवोल्यूशन (क्रान्ति) है । हमें उनकी कोई खुशामद नहीं करनी पड़ी और उन्होंने देश के हित के लिए स्वयं इतना बड़ा स्वार्थत्याग किया । यह भगवान की बड़ी कृपा है और हिन्दुस्तान के सद्भाग्य और भविष्य के लिए अच्छा है । मैंने लेबर से कहा है कि भाई, हमारे पास अगर कुछ ज्यादा हो गया, तो वह आपको ही मिलेगा। लेबर में काम करनेवाले लोग कहते है कि ये कैपिटलिस्ट लोग हमको बहुत तंग करते हैं। मैं भी मानता हूँ कि वे तंग करते हैं। लेकिन उसका उपाय क्या है ? जब तक हम देश में अधिक धन, और अधिक इल्म नहीं पैदा करेंगे, तब तक जो कुछ हमारे पास है, उसमें से अधिक खर्च कर देने से वह खत्म हो जाएगा। जिन लोगों के पास छिपा हुआ धन पड़ा है, और वे उसे निकाल नहीं रहे हैं, क्योंकि वे डरते हैं कि वे पकड़े जाएंगे, उनके बारे में हमें कोई रास्ता करना चाहिए। वैसा न करेंगे, तो आगे हमारा कोई काम नहीं चलेगा। मैं उनसे भी अपील करता हूँ कि आपके पास यह जो अनीति का धन है, वह आपको नुकसान करेगा। और आज मौका है क्योंकि आपकी सरकार को अच्छे काम में रुपया लगाने के लिए उस धन की ज़रूरत है । आपको चाहिए कि जितना गवर्नमेंट का भाग है, वह सब दे दें, नहीं तो आप फंस जाओगे। उससे आपको कोई फायदा नहीं होगा। एक दूसरी बात मैं आप लोगों से कहना चाहता हूँ, क्योंकि मैं घूम- फिर नहीं सकता, लेकिन मेरी बड़ी स्वाहिश है कि मुल्क में हर राज्य में जाकर मैं कहूँ और किसानों को समझाऊँ कि तुम यह क्या कर रहे हो। आप कहते हो कि हम पैदा करते हैं, सो हमको ज्यादा दाम मिलना चाहिए। लेकिन आपका पड़ोसी भूखों मरता है, उसे अगर आप अनाज न देंगे; आपको अपने खाने के लिए जितना चाहिए उतना रख कर, बाकी अनाज आप दे न देंगे, तो हिन्दुस्तान को परदेश से माल लाकर, ज्यादा दाम देकर अपना काम चलाना पड़ेगा। यह बहुत बुरा है। उसमें आखिर आपको ही नुकसान होनेवाला है, क्योंकि उस से हिन्दुस्तान का दिवाला निकल जाएगा। वह क्यों S