पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१५९

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१४२ भारत की एकता का निर्माण उस का मतलब यह है कि हमारे मुल्क के भीतर जो अपने भाई-बहन हैं, मराठे, गुजराती, बंगाली, पंजाबी, मद्रासी, हर प्रान्त के अलग-अलग रहनेवाले हैं, लेकिन सब-के-सब हिन्दुस्तानी है, चाहे वे हिन्दू हों, मुसलमान हों, सिक्ख हों, पारसी हों, या किसी भी मजहब के हों; सबकी हमें रक्षा करनी है। इस मुल्क में जितने मजहब है, जितनी भाषाएँ हैं, उतने मजहब और उतनी भाषाएँ किसी और मुल्क में नहीं है। लेकिन तो भी हमारे सारे मुल्क की संस्कृति एक ही है। यह हिन्दी संस्कृति है । अब हमारे देश में इतने लोग रहते हैं, वे अगर झगड़े में पड़ जाएँ, तो इस प्रकार की हालत नहीं होनी चाहिए कि हमें फौज से काम लेना पड़े। यह काम पुलिस का है। भीतर मुल्क में शान्ति रखने के लिए हमें कम-से-कम पुलिस रखनी पड़े, ऐसी हालत होनी चाहिए। अब आप देखें कि गुजराती कहां-कहां पड़े हैं। पूना में जाओ तो वे वहां भी पड़े हैं, महाराष्ट्र में, शोलापुर में, जहां भी जाओ, वहां आपको गुजराती मिलेंगे। सतारा में जाओ, कोई भी जगह पर जाओ, गुजराती जरूर मिलेंगे। इसी तरह महाराष्ट्रीय भी सब जगह मिलेंगे। अहमदाबाद में जाओ, सूरत में जाओ, सारे प्रान्त में वे मिलेंगे। इसी प्रकार बम्बई में जाओ, तो हर प्रान्त के लोग वहां आप को मिलेंगे। वे वहां किस तरह से रहते हैं ? वह किसी फौज के डर से आपस में मिलकर रहते हैं ? या बन्दुक के डर से रहते हैं ? नहीं, वह हमारी संस्कृति का परिणाम है कि हम एक दूसरे के साथ इस तरह रहते हैं जैसे हम सब एक बाप की प्रजा हैं। हम अनुभव करते हैं कि हम सब हिन्दोस्तानी हैं। तो हमें इस देश में मिल-जुलकर रहना है । लेकिन आप अपना मजहब अपनी इच्छा से चला सकते हैं । हम हिन्दुओं में भी बैष्णव हैं, शैव हैं, जैन हैं और अनेक प्रकार के मज़हब हैं, लेकिन वह झगड़े की बात नहीं है। मज़हब के बारे में झगड़ा नहीं होना चाहिए। हमारी जो ईश्वर की मान्यता है, वह हमारी खुद की है। जो हमको पसन्द हो, हम मानेंगे। तो मज़हब व्यक्ति को अपनी चीज़ है । मज़हब के लिए सब को पूरी आजादी होनी चाहिए । उसमें दूसरे के साथ झगड़ा नहीं करना चाहिए । इसी प्रकार हमारा जो रोजगार है, जो • धन्धा है, उसमें भी हमें कोई झगड़ा नहीं करना है । तो हम जो आपस में मिल-जुलकर रहते हैं, वह किसी तोप-बन्दूक के डर से नहीं रहते हैं, लेकिन मुहब्बत के बल पर रहते हैं। इस प्रकार सारा हिन्दुस्तान बना हुआ था। बदकिस्मती से हमारे मुल्क में