पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१७५

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- भारत की एकता का निर्माण चीज़ बाकी न रही, तो पाकिस्तान ने इन तीनों राज्यों में अपना हाथ डाला। हमने बहुत कहा कि आपको अपना अलग हिस्सा मिल जाने के बाद आप का हमारे घर में हाथ डालना चोर डाकुओं का काम है, उसका नतीजा अच्छा नहीं होगा। लेकिन वह नहीं माने और जूनागढ़ में जा कर नवाब से दस्तखत करवाए। हमने कहा कि जिन लोगों ने नबाब से दस्तखत करवाया, वही उसकी रक्षा करें, हम नहीं करेंगे। खुदा के यहां उनको इसका जवाब देना पड़ेगा। उस बेचारे नवाब को यहाँ से ले जाकर कैदी बनाकर छोड़ दिया। यहाँ की आजादी से पाकिस्तान की जेल उसे ज़्यादा पसन्द होगी, ऐसा मेरा ख्याल है । उसी समय काश्मीर में भी इस प्रकार की कार्रवाई हुई कि जो लोग फ्रांटियर के बाद बोर्डर (सीमा) पर थे, जो ट्राइबल एरिया में रहते थे, उन्हें बहकाया और काश्मीर में भेजा। जिसकी लड़ाई अभी तक चलती है। पहले तो ट्राइबल पीपुल ( सरहदी लोगों ) को वहाँ भेजा, क्योंकि सरहद का काम बड़े खतरे का था। सरहद की हालत ऐसी थी कि आज तक किसी तरह से लालच, रिश्वत और जिस किसी तरह समझा-बुझा कर इतने साल अपना काम चलाया गया था ।अब जब अंग्रेज हट गए और पैरामाउंट पावर खत्म हो गई, तो उसके बाद यह ट्राइबल पीपुल पाकिस्तान के ऊपर नज़र करने लगे । अब पाकिस्तान ही की उन्हें संभा- लने की जिम्मेवारी थी। हमारी तो थी नहीं। उनके पास सामान पूरा था या नहीं, यह तो हमें नहीं मालूम, पर पाकिस्तान ने उन्हें हमारे ऊपर काश्मीर में भेज दिया। अब बहुत से लोग, जो बाहर के हैं, जो पूरी हालत समझ नहीं सकते हैं उनका यह कहना था कि जिस जगह ज्यादातर मुसलमान हों, वह पाकिस्तान का ही हिस्सा है, ठीक नहीं है । क्योंकि हमारे अपने मुल्क में चार करोड़ मुसलमान रहते हैं। इतने मुसलमान जहाँ रहते हों, वहाँ का राज्य साम्प्रदायिक हो ही नहीं सकता। हम किसी दूसरे सम्प्रदाय के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते, जैसा कि मजहबी राज्यों में होता है। हमारे साथ काश्मीर में ज्यादा मुसलमान है। उन्हीं लोगों से काश्मीर की लड़ाई चल रही है, यह आप जानते ही हैं। और इसमें पाकिस्तान की ख्वारी हो रही है। पहले तो वे इस लड़ाई में भाग लेने की बात से ही इंकार करते थे। अब उन्होंने अपना लश्कर ही रख दिया है। हमारा तो उधर पड़ा ही है। तीसरी जगह हैदराबाद थी। वहाँ भी पाकिस्तान ने हाथ डाला, हालांकि वहाँ भी उनका कोई सम्बन्ध नहीं था। बस, हिन्दुस्तान को हैरान करना 9