पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१८०

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. चौपाटी, बम्बई मन्त्रिमण्डल बनाया था। वहाँ जो लोकप्रिय मन्त्रिमण्डल बना, उसने क्या काम किया, और वहाँ लोगों का क्या हाल हुआ, यह सब आप जानते ही होंगे, क्योंकि आप लोग तो पास में ही रहते हैं। वहाँ जितने भी ब्राह्मण थे, उन सबके चुन- चुन कर मकान जलाए गए। उनकी माल मिलकियत की लूट हुई। आस-पास की छोटी रियासतों में भी ब्राह्मणों को काफी परेशान किया गया । करोड़ों का माल लूट लिया गया और बहुतों को जान से मार डाला गया। यह सब इसलिए किया गया, क्योंकि गान्धी जी का खून करने वाला एक ब्राह्मण था। यदि इसी प्रकार हमने काम किया, तो काम नहीं चलेगा। इससे तो पहले के हिन्दुस्तान का नक्शा ही अच्छा था। तो जिन लोगों ने अपने हाथ में सत्ता ली है, वह सत्ता किस तरह से चला रहे हैं यह भी देखना है। वहां के राजा की सम्मति से हमने एक कमेटी बनाई और एक हाई कोर्ट के जज को जाँच के लिए भेजा। उस कमीशन की रिपोर्ट और समरी प्रकाशित हुई । उस रिपोर्ट से आपको पता लगेगा कि वहाँ मिनिस्ट्री ने किस तरह से काम चलाया । अगर इसी तरह से राजाओं के हाथ से सत्ता लेकर हम काम चलाएंगे, तो हमारे लोग अंग्रेजों को याद करने लगेंगे कि इससे तो हमारा गुलाम देश अच्छा था। अभी तक हमने जो कुछ किया है, वह एक प्रकार से अच्छी खेती के लिए खेत साफ़ करने के बराबर है। पर अब भी खेत बोने के लिए काफ़ी काम करने को बाकी पड़ा है। आज हमने राजाओं के हाथ से सत्ता लेकर प्रजा के प्रति- निधियों को दे तो दी है, पर वहाँ किस प्रकार काम चलता है और हमारी वहाँ क्या-क्या जिम्मेवारी है और कितनी हद तक जिम्मेवारी पूरी हो रही है, अगर यह सब हम सोचें, तो हमें धक्का लगेगा। इसीलिए हमारे सामने अभी जो काम करने को बाकी है, वह बहुत बड़ा है। अभी तो हमने केवल शुरूआत भर की है। जो कुछ हमने किया है, वह भी बड़ी बात है, लेकिन इतनी बड़ी नहीं कि जो काम बाकी रहा है, उसे हम भूल जाएँ। अभी तो हमारे पास साँस लेने का भी समय नहीं है, आराम का समय नहीं है। यह सोचने का भी समय नहीं है कि हमारी आयु कितनी है। अभी तो रात-दिन हमें काम करना है। तभी हिन्दुस्तान उठ सकता है, नहीं तो बह गिर जाएगा। हिन्दुस्तान कितने साल के बाद आजाद हुआ है ? जब इतनी सदियों के बाद हमारे पास आज़ादी आई है, तो हमें देखना यह है कि क्या कर्तव्य हमें बाँधता है । हमें यह भी देखना चाहिए कि हमारे आस-पास क्या हालत है।