पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१८९

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१७२ भारत की एकता का निर्माण ही आप अब भी करें। हमें अब भी वही आबोहवा पैदा करनी होगी, तभी हमारा काम चलेगा। आपने जो रुपया ब्लैक मार्केट में कमाया है, वह किस तरह से कमाया है, यह याद करो। अब या तो देश का काम कर लो, या पैसा बना लो । अगर आप स्वार्थ को ही देखते रहेंगे, तो यह चीज़ आखिर सब को डुबोएगी। आज मारा सबसे बड़ा काम यह है कि हम दाम गिराएँ। अगर दाम एक दफा गिर जाएँ , तो मजदूरों को भी यह समझ आएगी कि अब खाने-पीने का दाम गिरा, तो हमारा खर्च भी कम हो गया है, अब हमें ज्यादा माँगने की जरूरत नहीं है । जो लोग बराबर स्ट्राइक करवाते हैं, हड़ताल करते हैं, चन्द दिनों के लिए उन्हें लेबर की लीडरशिप मिल जाती है । लेकिन वह आखिर उन्हें ले डूबेगी। उसमें कोई तैरनेवाला नहीं है, सब जाने वाले हैं। तो मजदूरों को भी मेरी सलाह यह है कि वह न समझे कि जो मजदूरों को हड़ताल करने की सलाह देता है, वही उनका भला चाहता है। हम जो इतनी उम्न में गवर्नमेंट का बोझ घसीट रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम मजदूरों के सिर पर बोझ डाल कर धनी लोगों की जेब में पैसा डालें । हम तो चाहते हैं कि आप का भला हो । लेकिन अगर कुंएँ में पानी न होगा, तो हौज में कैसे आएगा? कुंएँ में पानी भरा रहेगा, तो हौज में भी भरा रह सकेगा । हमें सब चीजें अपने मुल्क में पैदा करनी है, तो जितना हमारे पास पैसा है, उसका उपयोग नये-नये कारखाने बनाने और इंडस्ट्री बढ़ाने में करें तो देश आगे बढ़ सकता है। नहीं तो मैं आप को फिर यह वारनिंग ( चेतावनी ) देता हूँ कि अभी जो कुछ यूरोप में हुआ, वहीं हमारे यहाँ होगा। युरोप को उठाने के लिए अमेरिका कोशिश कर रहा है। आपने यह भी सुना होगा कि इंगलैण्ड भी ३००, ४०० करोड़ पाउंड का लोन ( कर्ज) लेता है। हमें कौन लोन देगा? हम कहाँ से पूंजी लाएँगे? और यदि आज हम लोग ले भी लें, तो भी जिन लोगों ने नोट जमा कर रखे हैं, वह तो उन्हें निकालेंगे नहीं। क्योंकि उन्हें डर है कि अगर निकालेंगे, तो इन्कम टैक्स में पकड़े जाएंगे। तो वह लोग निकालते नहीं, क्योंकि ब्लैक मार्केट में जो नफा उन्होंने कमाया है, वह तो अब आता नहीं। और जब तक उसका फैसला नहीं जाता, तब तक काम आगे नहीं चल सकता । तो इन्कम टैक्स की चोरी करने वालों की जाँच के लिए गवर्न- मेंट ने एक कमीशन बैठाया है। उसे बैठाया तो पहली मिनिस्ट्री ने था, जिसमें