पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१९९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१८० भारत की एकता का निर्माण और ईर्षा में न पड़ें। वैर और ईर्षा आदि तो हमको नुकसान करनेवाली है। इन सबको छोड़कर गान्धीजी ने जो मार्ग बताया है, उसी मार्ग पर चलकर हम प्रेम, सत्य और आदर का वायुमण्डल पैदा करें, तभी हम अपने देश को मजबूत बना सकते हैं। उसके लिए भी हमारे मुल्क के नौजवानों को सावधान रहने की ज़रूरत है। बहुत से विद्यालयों में और खुद हमारे सरकारी तन्त्रों में भी जो नौजवान हैं, उनके दिल में कहीं-कहीं भिन्न-भिन्न ख्याल डाले जाते हैं। कोई लोग यह सिखाते हैं कि कांग्रेस की गवर्नमेंट की तरफ़ से जो लोग काम चलाते हैं, उनमें मुसलमानों की तरफ कुछ ज्यादा झुकाव होता है और उससे हिन्दू संस्कृति का नुकसान होता है। यह छोटे दिल की बात है। हमने हिन्दुस्तान का टुकड़ा करके मुसलमानों के लिए एक अलग हिस्सा दे दिया । उसके बाद हम कोई ऐसी चीज़ करनेवाले नहीं हैं, जिसमें भेद-भाव रहे। हिन्दुस्तान में रहनेवाले हिन्दू, मुसलमान, पारसी, क्रिश्चियन या सिख कोई भी हो, सब हमारे लिए समान हैं। यदि हम इस प्रकार का भाव पैदा न करें, इस प्रकार का वायुमण्डल पैदा न करें, तब हिन्दुस्तान खतरे में रहेगा। यह आपको समझ लेना चाहिए। मुसलमान अपनी जगह पर रहें, हिन्दू अपनी जगह पर रहें, छोटी-छोटी कौमें अपनी जगह पर रहें। सब कोई अपने मजहब के आप मालिक हैं। जो जैसा चाहे अपना मजहब और अपना खुदा मान ले । उसमें हमें कोई झगड़ा नहीं करना है । हिन्दुस्तान का टुकड़ा होने के बाद इस मुल्क में रहनेवाला हर एक व्यक्ति हिन्दुस्तानी है। यहाँ कोई गैर नहीं है। हिन्दू तो यहाँ बहुत बड़ी ताकत में पड़े हैं, उनको डर क्यों लगता है ? वे क्यों डर कर नौजवानों को गलत रास्ते पर चलाने की कोशिश करें ? जो कोई छिपे-छिपे अपने नौजवानों को ऐसी चीज सिखाता है, वह हिन्दू संस्कृति और भारतीय संस्कृति को नुकसान पहुंचाता है, चाहे वह दिल में कितना समझता हो कि वह हिन्दू संस्कृति की रक्षा कर रहा है। आपको जो कुछ करना है, खुल्लमखुल्ला करो। जितना काम छिपाकर करोगे, आप में उतनी ही एक प्रकार की भीरुता पैदा हो जाएगी। कायरों को छिपा काय करने की जरूरत होती है, बहादुर मदों को नहीं । सो आप को जो काम करना है, खुला करो । जब परदेसी सल्बनत थी, तब दूसरी बात थी । उसका हथियार भी दूसरा था। आज किसके साथ हमें लड़ना है ? आज हमें क्या आपस में ?