पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२१०

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स्टेट्स एडवाइजरी कौसिल का उद्घाटन, नागपुर PEP महाराजाओं के काम की पूरी कदर है और मैंने इन लोगों से हिन्दुस्तान सरकार की तरफ़ से वादा किया है कि आप लोगों की इज्जत और आप लोगों को जगह कायम बनी रहेगी। क्योंकि आपने पूरी सम्यता से हिन्दुस्तान का साथ दिया है। लेकिन मैंने जो अभी कहा था कि अभी कदर करने का समय नहीं आया, उसका मतलब यह है कि अभी तो यह परिवर्तन मैप (नक्शे) का ही हुआ है। अभी हमें पता लगाना है कि दिल का परिवर्तन कितना हुआ है। जब यह काम चलता जाएगा, तब हमारी रियासतों के लोगों को मालूम पड़ेगा कि यह अच्छा हुआ है और इससे उनका भला हुआ। आज जो यह क्रान्ति हुई है, उसका मिठास जब उनको मिलेगा, तब वे उसकी कदर कर सकेंगे। बस्तर स्टेट की जो रिद्धि-सिद्धि है, वह जब निकलेगी, तब लोगों को फायदा मिलेगा, प्रान्त को फायदा मिलेगा, मुल्क को फायदा मिले तब लोगों को उस चीज का पता चलेगा। इसी तरह हमारी रियासतों में बहुत ही ऋद्धि-सिद्धि भरी हुई है। उस को हमें बाहर निकालना है और हिन्दुस्तान की नस में उसका खून देकर हिन्दुस्तान को ताकतवान बनाना है। तभी हमारे इस काम को कदर होनेवाली है। मुझे मानपत्र के देने का अवसर आज नहीं है, वह अवसर तो तब आएगा, जब यह सब काम सिद्ध हो जाएगा। अभी तो जैसा यह नक्शे का फेर-फार हुआ है, वही ठीक है। आप लोगों ने इस काम में मेरा साथ दिया, उससे मुझे इतना फायदा मिला कि और जिस जगह काम में मुसीबत आती थी, वहाँ पर में आपका उदाहरण देता था । मैं उनसे कहता था कि भाई, यह करते हो । देखो मध्यप्रान्त के राजा-महाराजा, वहाँ की सरकार, और वहाँ के लोग किस तरह और किस खूबी से मिल कर काम करते हैं। उसी तरह से तुम भी काम करो । अब परदेसी यहाँ नहीं हैं। वे सब चले गए हैं। अब हमारे रास्ते में कोई रुकावट नहीं है। अब हमें आपस में मिलकर हिन्दुस्तान को मजबूत बनाना है । उससे काम में आप झगड़ा क्यों करते है ? इस काम में इस झगड़े से क्या फायदा कि एक स्टेट बिहार में मिले या उड़ीसा में। और आपका काम देखकर और राजा भी मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि भाई, हम तो और जगह पर राज्य के समूह में मिल गए थे। लेकिन हमें तो प्रान्त में मिल जाना है, क्योंकि वहाँ हमारी इज्जत भी बराबर रहती है, हमारी जिस तरह