पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२३३

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२१२ भारत की एकता का निर्माण भूमि की सेवा और लगन तथा ध्यान की प्राप्ति होनी चाहिए । आप चाहे किसी भी देश या भू-भाग में जाएं, आपका कुछ भी व्यवसाय या धन्धा क्यों न हो, आपको सदा अपने देश के हितों का ध्यान रखना चाहिए और अपने दरिद्र देश- वासियों की नैतिक और भौतिक उन्नति को अपना आदर्श बनाना चाहिए। आप ऐसा कोई काम न करें जिससे आपके देश की आजादी खतरे में पड़े । बल्कि अपना जीवन देकर भी आप उसकी रक्षा का प्रयत्न कीजिए । जयहिन्द !