पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२४०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

फतह मैदान, हैदराबाद २१७ ! दूं। हम इसको उठा दें, उसको उठा दें या इसको बैठावें, उसको बैठावें । उन सबको मैं अदब से एक सलाह देना चाहता हूँ कि जैसी आप लोगों की चिन्ता है, उससे हमारी चिन्ता कम नहीं है। हम भी रात-दिन यही बातें सोचते हैं। हैदराबाद के दो करोड़ निवासियों की भी हमको बहुत फिकर रहती है। आपकी सलाह के लिए मैं आपका बहुत शुक्रगुजार हूँ। लेकिन काम तो मुझे अपनी अक्ल से ही करना होगा। आप भरोसा कीजिए कि हम वही कार्य करेंगे जिससे हैदराबाद के लोगों का भला होगा, दूसरी तरह का कोई काम हम नहीं करेंगे । तो आपको हम पर भरोसा रखना चाहिए। आपको समझना चाहिए कि जब तक हैदराबाद रियासत में पूरी शान्ति नहीं होती, तब तक रियासत में राज्य की क्रान्ति करना यह बड़ी भयंकर बीज है। हमें यहाँ कोई ऐसा एक्सपेरीमेंट या तजुर्बा नहीं करना है कि जिससे हैदराबाद की रियासत को जोखिम हो या इसके लोगों का नुकसान हो। हमने एक बात तो आप से पहले ही साफ-साफ कह दी थी, कि हैदराबाद का भविष्य क्या होगा, इसका फैसला आप लोगों को करना है, हमें नहीं करना है। सारी दुनिया में हमने एलान किया है कि हैदराबाद का भविष्य भला या बुरा बनाना उसके निवासियों का काम है । लेकिन उसमें हमारी भी काफ़ी जिम्मेवारी है, इस लिए अपना बोझ भी हम फेंक नहीं सकते। तो आप सबको यह समझ लेना चाहिए कि किस रास्ते पर चलने से हैदराबाद का भला होगा और हम क्या करें जिससे दुनिया के लोग और मुल्क के लोग समझ लें कि हैदराबाद के लोग सयाने और समझदार हैं । इसी से आपकी इज्जत बढ़ेगी और इसी से आपका भला होगा । जब आपके यहाँ कौमी जहर का वायुमण्डल बन गया था और जहर की बाढ़ें चलती थीं, तो उसमें भले-बुरे सभी लोग बह गए थे। जो काम कभी नहीं करने चाहिए, वे काम भी किए गए। लेकिन उस बुराई का नतीजा भी सब को भोगना पड़ा, बुरे लोगों को, आपको और कुछ दरजे तक हमको भी भोगना पड़ा। क्योंकि जब आग भड़कती है, तो उसमें से जो चिनगारियां उड़ती हैं, उनसे आस- पासवालों को भी कुछ-न-कुछ नुकसान पहुंचता ही है। तो अब बह बाढ़ निकल गई है । जो मैल उभर आया था, वह अब बैठ रहा है। अब पानी शान्त और निर्मल हो गया है । उसको हमें फिर से मैला नहीं करना, बल्कि गंगा के जैसा निर्मल करना है । उसका इलाज यही है कि सब कौमों के लोग पिछली बातें भूल जाएँ। ऐसा समझ लें कि उन्होंने एक बुरा स्वप्न देखा था। अब तो सही रास्ते पर