पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२५२

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फतह मैदान, हैदराबाद २२६ ही नुकसान हो । उससे खाली आपका ही नहीं, सारे हिन्दुस्तान का नुकसान होगा । आज दुनिया बहुत छोटी हो गई है। कोई भली-बुरी चीज हम इधर करें, तो वह सारी दुनिया में जाती है । दुनिया कहती है कि ये ऐसें पागल और बेवकूफ हैं कि इस तरह से काम करते हैं । हैदराबाद का दरवाजा सब तरफ़ से खुला है । परदेशी लोग तो इधर आते हैं और देखते हैं। हमें कोई धोखा नहीं करना था, जो हम हैदराबाद के दरवाजे बन्द करते। क्यों हम धोखा करें? हमने एलान कर दिया कि हैदराबाद का भविष्य हैदराबाद के लोगों: के सुपुर्द है । आज सारी दुनिया का एक ही रास्ता है। डेमोक्रेसी (प्रजातन्त्र) को सब कबूल करते हैं। कोई दूसरा रास्ता हो ही नहीं सकता। तो हम किसी को रोकने की कोशिश क्यों करे? क्या हमारे में कोई ऐब है ? क्या हम कोई ऐसी बुरी चीज़ करना चाहते हैं, जिसे हम दुनिया से छिपाएँ ? हम ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते, जो हमें छिपाना पड़े। हैदराबाद में आपकी सरकार बन जाय, ऐसी मेरी ख्वाहिश है । उसमें मेरी जो कुछ मदद होगी, उसे करने को मैं तैयार रहूँगा। मैं आपसे बहुत अदब से और प्रेम से प्रार्थना करूँगा कि आप लोग खुदा की बन्दगी करते रहें कि बहुत दिनों तक हमने दुख उठाए हैं और अब अधिक दुख हमारे सर पर न आएँ। साथ ही यह भी कि हम योग्यता प्राप्त करें और ईश्वर हमको गलत रास्ते पर न चलने दें। मैं एक दफे फिर भी नौजवानों से प्रार्थना करता हूँ कि गलत रास्ते पर न चलो । हमको मजबूर न करो कि हमारे हाथ से आप लोगों को जेल में जाना पड़े या आपके पीछे गोली लेकर सिपाहियों को भेजना पड़े। यह बहुत बुरा काम है, इससे हमको बहुत कष्ट होता है। इससे आपको भी कष्ट होना चाहिए । इतिहास में कई सदियों के बाद हिन्दुस्तान को मौका मिला है। इतना बड़ा एक हिन्दुस्तान, आजाद हिन्दुस्तान, पहले कब था ? अब उसकी जगह कहां होनी चाहिए ? दुनिया के मुल्कों में अपनी जगह पर बैठाने का जो सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है, उसको हम फेंक दें तो इससे अधिक बुरा और क्या होगा। हमें ऐसे काम करने चाहिए कि भविष्य की प्रजा कहे कि हमारे पूर्वज बड़े लायक थे, बहुत नेक थे। आपकी औलाद होना वे गर्व की बात समझें । देखिए, आपके सामने क्या हो रहा है ? हमारे लोग मारे-पीटे जाते हैं। देखिए, बर्मा में क्या हो रहा है । वहाँ से भाग-भागकर लोग मद्रास में आ रहे हैं। हम तो आजाद हुए, लेकिन हमारे जो लोग पड़े हैं, उनकी अब तक जो इज्जत होनी .