पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२५३

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२३० भारत की एकता का निर्माण चाहिए, वह नहीं हुई। क्यों? इसलिए कि हम खुद आज़ाद तो हुए, लेकिन हम स्वस्थ नहीं हुए । हमारी आजादी ऐसी होनी चाहिए कि दुनिया में सब जगह हमारी इज्जत बढ़े और सब लोग मानें कि हम लोग नेक हैं। इसी प्रकार की आजादी के लिए हमने काम किया था । उसमें हैदराबाद अलग नहीं रह संकता । उसको भी हमें साथ लेना है । उसको साथ लेने की मने भरसक कोशिश की है । इसी में आप सब का सुख है । एक दूसरे के साथ किसी का वैर बड़ा कर नुकसान करने के लिए हमने वैसा नहीं किया । आज आप लोगों ने बड़े प्रेम से मेरा जो स्वागत किया, इसके लिए मैं आपका ऋणी हूँ । आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ। बहुत घूप में भी आप इतनी बड़ी संख्या में इतने समय से मेरी बात सुनने के लिए बैठे रहे। इससे मुझे बहुत खुशी होती है । लेकिन अगर आप मेरा स्वागत करते हैं, मुझ पर प्रीति रखते हैं, तो मेरी बात आपको सुननी चाहिए और उसे मानना चाहिए । मैं जो कुछ कहता हूँ, आपकी भलाई के लिए कहता हूँ, मुल्क की भलाई के लिए कहता हूँ। खुदा हाफिज़ !