पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२७४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

पंजाब युनिवर्सिटी की ओर से डाक्टरेट मिलने पर २५१ जाते हैं कि वे तुम्हारे लिए जाते हैं। और अगर वे तुम्हारे लिए काम नहीं करते, तो वे मुल्क के दुश्मन हैं। और मैं आज भी उन्हें कहता हूँ कि आप झगड़ा छोड़ कर अपना काम करें। अगर आप छोटी-सी कौम में इतना झगड़ा करते हैं, तो हिन्दुस्तान का बोझ आप उठाएँगे? अगर आप नौकरी में रियायत चाहेंगे, तो उससे काम कैसे बनेगा? हमारी फौज़ में जितने आफिसर हैं, उसमें सब से ज्यादा आपकी कौम के हैं। हमने जानबूझ कर उन्हें रखा है। छोटी-सी कौम के हाथ में हमने अपनी तलवार दे दी। क्यों ? क्योंकि आपकी तलवार पर हमें पूरा भरोसा है। आज के जमाने में कोई कौम यह दावा नहीं कर सकती कि वही मार्शल है। वे दिन चले गए, जब इस तरह की बातें सोची जाती थीं। पिछली लड़ाई में मद्रास के लोगों ने, साउथ इण्डिया के लोगों ने, बड़ी बहादुरी दिखाई। आज हैदराबाद में फौज़ की बागडोर हमने एक बंगाली सेनापति को सौंप दी है । हमने मिलिट्री गवर्नर भी बंगाली रखा है । तो यह किसी कौम का दावा नहीं कि तलवार सिर्फ उसी के हाथ में है। आजकल ऐटम बम का जमाना है। अक्ल का जमाना है । अब अकेली जिस्मानी ताकत काम नहीं कर सकती । आज अक्ल वाले के हाथ में ही सब की बागडोर है। में यह प्रार्थना करना चाहता हूँ कि हम और सब स्याल छोड़ दें, और सोचें कि पंजाब को किस तरह बुलन्द करना चाहिए। उसी से हिन्दुस्तान ठीक होगा । जितना आपको चाहिए, ले लीजिए । मैं तो चाहूँगा कि हम सारा राज सिक्खों को दे दें। लेकिन आप ऐसा नहीं करने देते । आप आगे चलते नहीं और न हमें चलने देते हैं। हमारे मुल्क में एक मसल है-"उत्तम खेती और अधम चाकरी।" खेती सब से अच्छी है और नौकरी सब से बुरी। खेती में न कोई खुशामद करनी पड़ती है न पाप । किसान अपने लिए मेहनत करके धरती से अनाज पैदा करते हैं, खुद खाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं। किसान को ही अन्नदाता कहते हैं, जो पाप नहीं करता। इसीलिए आप पंजाब की जमीन में अनाज पैदा करने की तरफ अपना ध्यान दें। तो "उत्तम खेती, मध्यम व्यापार और अधम चाकरी ।" व्यापार के काम में थोड़ा-सा पाप तो करना पड़ता है। लेकिन सब से तुच्छ नौकरी है । उस नौकरी के लिए क्यों लड़ते हो ? अगर नौकरी चाहते हो तो तलवार क्यों रखते हो?