पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२७६

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पंजाब युनिवर्सिटी की ओर से डाक्टरेट मिलने पर फिर आहिस्ता-आहिस्ता जख्म ठीक हो जाएगा। उसके लिए काम करना है। तो मास्टर तारासिंह इस ज़ख्म पर ठोकर लगा रहे हैं। यह गलत बात है। इससे तो जख्म में से फिर से खून बहने लगेगा। जख्म बन्द नहीं होगा। मैंने बहुत कोशिश की और कहा कि इस तरह न करो। मैं सब सिक्ख भाइयों से अपील करता हूँ कि आपका भला इसी में है। आप मास्टर तारासिंह को समझाइए कि वह गलत रास्ते पर चलना छोड़ दें। अगर आप उनके साथ रहेंगे, जत्थे भेजेंगे, तो काम खराब होगा। अमृतसर से, पटियाला से जत्थे आएँगे । आप लोगों को भी तकलीफ होगी, हमें भी। मास्टर तारासिंह जी को रिहा कराना आपका काम है । वह मेरे हाथ म नहीं। मैं पंजाब हुकूमत से कहूँगा कि अपना घर ठीक करो। आज की हालत में यदि हुकूमत रखनी है, तो सबको आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए। यह लोकराज है । सब को एक साथ रहना है । हमें एक दिल होकर काम करना चाहिए । पंजाब का काम भी हमें एक दिल होकर करना है। असेम्बली के मेंबरों से भी मैं कहूँगा कि उन्हें भूलना नहीं चाहिए कि हम पर कितना बोझ पड़ा है। तुम आपस में झगड़कर हमारे मुल्क की तरक्की रोक रहे हो। तुम में इत्तफाक होना चाहिए, एक दूसरे का मैल धो देना चाहिए, एक ही आवाज से काम करना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके, पंजाब का नए सिरे से निर्माण करना चाहिए। शायद आप समझते हैं कि मैं कड़ी बात कहता हूँ। लेकिन आपको समझना चाहिए कि मैं अपने दिल का दर्द आपको सुना रहा हूँ। मेरी बात आप को माननी चाहिए । उसका हौसला बँधाना चाहिए । आज हिन्दुस्तान पर मुसीबत है, यह आपको हर समय याद रखना चाहिए । आप का भविष्य आप के भूत की तरह शानदार है। आप दुनिया में सब से बड़ी पदवी हासिल कर सकते हैं। हमारे मुल्क में गान्धी जी जैसी हस्ती पैदा हुई। दुनिया भर के लोग उनके रास्ते पर चल रहे हैं। और बही रास्ता सही है। मैने अगर कोई कड़ी बात कही है, तो आपकी भलाई के लिए कही है। मेरे इधर आने का खास मकसद ही यही था कि आप लोगों के सामने खास सवालों का नक्शा पेश करूँ। आप लोगों ने मुझे इतनी बड़ी इज्जत दी, मेरा