पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२७८

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(२१) संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन करते हुए जयपुर ३० मार्च, १९५४ जयपुर नरेश, अन्य माननीय नरेशो, सन्नारियो तथा सद्गृहस्थो ! आज एक महान् ऐतिहासिक प्रसंग के समय आप सब यहाँ जमा हुए हैं । संयुक्त राजस्थान के उद्घाटन का मान मुझको दिया गया है, इसके लिए में ईश्वर का और आप सब का ऋणी हूँ। मैं जानता हूँ कि यह कितने बड़े महत्त्व का अवसर है और हमारे सिर पर इस समय कितनी बड़ी जवाब- दारी आ पड़ी है। कल मैंने आप लोगों को कुछ कष्ट दिया, क्योंकि मैं समय पर नहीं आ सका और उस से आप लोगों को कुछ तकलीफ़ उठानी पड़ी; उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूँ।* लेकिन वह जो परिस्थिति पैदा हुई, वह मेरे लिए और आप सबके लिए ईश्वर के स्मरण का प्रश्न था। मेरी दृष्टि से वह इस बात का ईश्वरीय संकेत था कि हम यह जो बड़े महत्त्व का कार्य कर रहे हैं, उसे हमें अवश्य पूरा करना है। । ईश्वर यह भी मंजूर

  • जयपुर जाते हुए सरदार पटेल के हवाई जहाज में कुछ खराबी आगई

थी और पाइलेट ने बड़ी होशियारी से उसे नीचे उतार लिया था। सम्पूर्ण देश के कुछ घंटे तब बड़ी चिन्ता में कटे थे। मेरी रक्षा