पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२९

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२४ भारत की एकता का निर्माण हैं, उनमें से काफी लोगों ने, शायद ज्यादातर लोगों ने, पाकिस्तान बनाने में साथ दिया था। ठीक है । अब एक रोज में, एक रात में उनका दिल बदल गया, वह मेरी समझ में नहीं आता। अब वे सब कहते हैं कि हम वफादार है, और हमारी वफादारी में शंका क्यों करते हो? अपने दिल से पूछो ! यह बात आप हम से क्यों पूछते हैं ? यह हमसे पूछने की बात नहीं है। लेकिन अब में एक बात कहता हूँ कि आपने पाकिस्तान बनाया, आपको मुबारक । उसमें हम कोई दखल देना नहीं चाहते । जो कुछ हो गया, सो हो गया। अब जैसे हम बैठे हैं, ठीक बैठे हैं। कोई-कोई कहते हैं कि हिन्दोस्तान और पाकिस्तान फिर एक हो जाएँ। मैं कहता हूँ कि अब वह सब कुछ नहीं हो सकता। उन्हें वहीं बैठा रहने दो। जो भाई पाकिस्तान में चले गए हैं, उनको पाकिस्तान को अच्छा बनाने दो। पाकिस्तान जब स्वर्ग बन जाएगा, तब हम को भी उसकी ठंडी हवा लगेगी। यही ठीक है। आप लोग जब ऐसी बात कहते हैं, तो उनको शंका पैदा होती है । ऐसी बात हम क्यों करें? अपने को मजबूत बनाओ, तगड़ा बनाओ । पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है । अगर वह मजबूत होता है, तो बहुत अच्छी बात है । उससे हमको कोई नुकसान नहीं है। वह ठीक है । लेकिन बहुत दफा ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तान मिटाने के लिए, उसको बरबाद करने के लिए उन के दुश्मन लोगों ने कौन्स्पिरेसी ( षड्यन्त्र ) की है। मैं पाकि- स्तान के लोडरों से बार-बार कहना चाहता हूँ कि पाकिस्तान का कोई भी दुश्मन क्यों न हो, मगर अगर कोई कौन्स्पिरेसी हैं, तो वह पाकिस्तान में ही पड़ी हैं । बाहर कहीं कोई कौन्स्पिरेसी नहीं हैं। वह तो वहाँ भीतर ही पड़ी है। जितने दुश्मन हैं, सब वहां ही हैं, इधर कोई नहीं है। हम तो उनका कोई बुरा नहीं चाहते हैं । हम क्यों उनका बुरा चाहें ? हमने तो राजी-खुशी से तुम्हारा हिस्सा तुमको दे दिया कि जाओ पाकिस्तान बनाओ। लेकिन अगर कोई हमारी आँख में धूल फेंकने के लिए आए, तो हम कहेंगे कि हम इस तरह से नहीं करने देंगे। अब इस तरह काम नहीं चलेगा। अब हमारा जो हिन्दु- स्तान बाकी बच रहा है, उसको छोड़ दो। हिन्दुस्तान में हिन्दोस्तानियों को काम करने दो। उसमें आप कोई दखल मत दो। हम आपके काम में कोई दखल नहीं देंगे। आप देख लीजिए कि हम ने किस तरह बँटवारा किया। तो जितनी चीज