पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३२४

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चौपाटी, बम्बई २६५ कैसा मुल्क है ? कलकत्ता हिन्दुस्तान का एक बड़ा शहर है, जो कितने ही उद्योगों का केन्द्र स्थान है । उस केन्द्र स्थान में आप रात दिन यही धन्धा करें, तो उससे मुल्क को कितना नुकसान होगा, जैसे यह बात कोई नहीं सोचता । ऐसा फसाद करने का जिन लोगों का धन्धा ही है, उनको तो मैं कुछ भी नहीं कह सकता। उनको कहने से फायदा भी क्या होगा? क्योंकि उन लोगों ने तो मान लिया है कि इसी तरह काम चलेगा। लेकिन आप लोगों को सम- झना चाहिए कि अगर मुल्क इस रास्ते पर जाएगा, तो वह अपनी आजादी का भी कोई फायदा नहीं उठा सकेगा। कुछ लोग कहते हैं कि असेम्बलियों और पालियामेंट में इस सरकार के सामने कोई विरोध करनेवाला नहीं है। मगर विरोध करने का यह ढंग नहीं है । ठीक ढंग से विरोध करने से तो लोकशाही मुल्कों में सरकार को भी इज्जत और मदद मिलती है । लेकिन हर रोज एक जुलूस निकाल कर सेक्रेटेरियट पर हल्ला करने से या किसी कारखाने के सामने जलसा करने से पालियामेंटरी विरोध नहीं होता । वह तो परदेशी सरकार को तंग करने का तरीका था और तब, उन हालतों में ठीक था। लेकिन आज उससे क्या लाभ होगा? तो हिन्दुस्तान में जितने लोग हैं, उन्हें आज अपनी जवाबदारी समझनी चाहिए । आज तो हमको रिपब्लिक का एक नया कान्स्टीटयूशन जारी करना है, जिस में सब बालिग लोगों को मत देने का अधि- कार मिलता है । मतलब यह कि आज हर एक भारतवासी को अपनी जवाब- दारी का ख्याल रखना चाहिए। जब तक सब लोग अपना-अपना बोझ उठाने में लय नहीं हो जाएँगे, तत्र तक मुसीबत बनी रहेगी। आज सरकार की ज्यादा से ज्यादा मुसीबत है । कुछ लोग कहते हैं कि कण्ट्रोल मिटाओ। हमने एक दफे कण्ट्रोल निकाल कर देख भी लिया । उसमें हमारी बहुत बदनामी हुई। बहुत लोगों को मुश्किलें आई, क्योंकि तभी से कुछ लोग पहले से भी अधिक फायदा उठाने लगे। आज कण्ट्रोल हटाने को सरकार क्यों राजी हो जाएंगी? कण्ट्रोल हटाने से न तो शान्ति होगी और न देश का कारोबार ही ठीक ठीक से चलेगा। क्योंकि सरकार का काम व्यापार करने का नहीं है। जो सरकार व्यापार करेगी, वह भीख मांगेगी। यह काम सरकार से नहीं होगा। आज की दुनिया इस तरह की है कि हमें स्वतन्त्रता मिलने पर और अधिक मुसीबतें और कठिनाइयां आई हैं। उनको बाँटने की कोशिश आपको करनी चाहिए। यह कण्ट्रोल हमने आजादी के बाद -