पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३३०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

दो साल 1 चौपाटी, बम्बई पुलिस बेचारी क्या करे ? आखिर यह पुलिस किसकी है ? क्या यह बाहर से आई है ? वह किसी परदेसी का हुक्म तो नहीं उठाती है । आज पुलिस हमारी है। इसकी इज्जत हम नहीं बढ़ाएंगे तो कौन बढ़ाएगा? अगर हम उसको उत्साह देनेवाले काम न करें, यदि हम उसकी इज्जत न करें और सदा यही कहते रहे कि हमारी पुलिस खराब है तो इसका मतलब यही होगा कि हमारी सारी नेशन खराब है। तब दुनिया में हमारी आवरू इज्जत क्या होगी? हमें अपने मुल्क में से यह चीज हटानी है । इस ओर हमने कुछ काम भी किया है। हिन्दुस्तान के बाहर के लोग तो यही कहेंगे कि इन लोगों ने में बहुत काम किया है । हम यह नहीं उम्मीद रखते थे कि हिन्दु- स्तान इस तरह से काम कर सकेगा। हमारा तो ख्याल था कि वह टूट जाएगा । लेकिन इन लोगों ने इतना संगठन कर लिया और शान्ति पैदा कर ली, जिसकी उम्मीद न थी। हम तो जानते थे कि यह चलनेवाली चीज़ नहीं है । लेकिन यह चली और इस तरह चली कि बाहर के देशों में हिन्दु- स्तान की इज्जत बहुत बढ़ गई । मैं जानता हूँ कि इज्जत से पेट नहीं भरता। लेकिन इज्जत भी तो कोई चीज़ है । बाहर दुनिया में हमारी कदर हुई, यह ठीक है । लेकिन हमारी कदर हमारे घर में नहीं है, और इसका उपाय करना चाहिए। तो इसके लिए हमें सारे देश की जनता को साथ लेना होगा। तो मैं बम्बई में आप लोगों से बड़े प्रेम और अदब से यह अर्ज करने के लिए आया हूँ कि एक दूसरे की निन्दा करने से हमारी बाहरी इज्जत भी चली जाएगी। उससे हमारा कोई काम नहीं बनेगा। मैं चाहता हूँ कि एक दूसरे से प्रेम करो और गलत रास्ता छोड़ दो। लड़ाई के ज़माने में आपको जितना फायदा उठाना था, उठा लिया। उन दिनों में कुछ लोगों ने धन पैदा करने का रास्ता लिया था। आज यह समय आया है, जब कि हर किसी को अपना पसीना बहाना है, कड़ी मेहनत करनी है। पूरी मिहनत करके एक दफा अगर हम हिन्दुस्तान को ठीक कर दें, तो बहुत अच्छा होगा। हमारे देश का भविष्य बहुत ही अच्छा है, इस में मुझे कोई शक नहीं। लेकिन हमें दो-चार साल मेहनत कर के संभालना है। यदि दो-चार साल इस बच्चे की हम ठीक हिफाजत कर लें, तो बाद में यह दौड़ता चलेगा। जैसा कि मैंने अभी कहा था, हमारी इज्जत बाहर तो बढ़ी ही है । हम .