पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३४२

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मुझे बंगाल का दर्द है तुरन्त तो हो नहीं सकता। क्योंकि हमारे पास न अभी मतदाताओं के रजि- स्टर हैं, न चुनाव की कोई तैयारी है । लाखों लोग बंगाल में नये-नये आएँ हैं, उनको भी तो मताधिकार मिलना चाहिए। पहले की तरह कौम-कौम के अलग मत हों, तो वह भी अब काम की चीज़ नहीं है। अब तो एकत्र मतदान मण्डल बनना चाहिए। और उसके लिए हमें अपना कानून बदलना पड़ेगा। सो बहुत सी रुकावटें हैं, और उन्हें रफा करने में टाइम लगेगा, और इतना टाइम लगेगा कि नये आम चुनावों का बख्त आजाएगा। अब तो सारे हिन्दुस्तान का चुनाव होनेवाला है, जिसमें हर बालिग को मताधिकार मिल गया है । इस तरह दो चुनावों के बीच में अन्तर बहुत थोड़ा रह जाएगा । बीच में चुनाव करने से खर्च भी बहुत पड़ेगा। जब हमने यह हालत देखी, तब बंगाल की राय लेने की कोशिश की। बंगाल की कांग्रेस कमेटी के नेता, यहां की गवर्नमेंट और यहाँ के सब लीडरों से पूछ लिया, तो मालूम पड़ा कि कोई भी नहीं चाहता है कि अभी चुनाव हो । तब हमने कहा, तो ठीक है। अभी चुनाव मत करो, क्योंकि नया आम चुनाव तो हमें करना ही है । तब बहुत से अखबारों ने कहा, कि यह जो फैसला किया गया, वह शान्ति का फैसला है। अच्छा है, ठीक हुआ। लेकिन जो नया आम चुनाव होनेवाला है, उसके लिए ज्यादा विलम्ब नहीं होना चाहिए । जितना जल्दी हो, उतना जल्दी उसका प्रबन्ध करना चाहिए, और मुझे उम्मीद है कि हम जल्दी ही नया चुनाव करेंगे। हम नहीं चाहते हैं कि उसमें विलम्ब हो। जितनी जल्दी हो, उतना जल्दी हमें यह काम करना चाहिए । लेकिन आप जानते हैं कि यह पहला मौका है, जब कि हिन्दुस्तान में करोड़ों आदमियों को मताधिकार मिला है। यहाँ इतने मतदाता हो गए हैं कि हर प्रान्त में उनकी सूची (लिस्ट) छपाने में भी लाखों रुपये खर्च होंगे। उसकी तो परवाह नहीं। लेकिन इसके लिए इतने प्रेस चाहिए, इतने आदमी चाहिए, सब का इन्तजाम करना बड़ी मुसीबत का काम है । इसमें टाइम तो लगेगा ही, पर जितना जल्द हो सके, उतना जल्द हम यह काम करेंगे । उसके लिए आप भी अपनी तैयारी करें, और प्रान्त को हुकूमत भी तैयारी करेगी। लेकिन उसके लिए ठीक ह्वा अभी से पैदा करनी चाहिए। वह हो, तभी काम चलेगा। अब इस बारे में जो फैसला हुआ है, उसमें मैंने किसी का विरोध नहीं देखा । यही बात ठीक भी है । फजूल एक झंझट करना, खर्च करना, टाइम