पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३४३

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३१२ भारत की एकता का निर्माण बरबाद करना, उस सब से कोई फायदा नहीं । अब हमें आगे अपना काम चलाना है। जो लोग आज दिन-रात गवर्नमेंट के पीछे पड़े हैं, उनसे मैं अदब से कहना चाहता हूँ कि गवर्नमेंट बदलने का एक तरीका होता है। बैलट बॉक्स ही वह तरीका है। आप को मताधिकार मिल गया है, उसी से सरकार बदली जाती है या रेवोल्यूशन (क्रान्ति ) से। यह जो इधर उधर पुलिस पर बम फेंकने का काम है, यह कोई रेवोल्यूशन नहीं है । यह तो एक प्रकार का मैडनेस ( पागलपन) है । यह ल्यूनिटिकों (पागलों) का काम है । हां, मैं यह तो समझ सकता हूँ कि कोई कहे कि भाई ये भी क्या करें? नौजवान है, इनको फस्ट्रेशन (निराशा) हुआ है, उनके पास कोई और रास्ता नहीं। तो वह चीज़ भी समझने लायक है। लेकिन उसके लिए यह उपाय नहीं है । वे जो करना चाहते हैं, वह इस तरह नहीं होगा। उससे तो अपना मतलब पूरा नहीं पड़ेगा। बल्कि वह तो दूर हो जाएगा। मैंने कहा कि आप लोगों ने बहुत मुसीबतें उठाई, और इतनी मुसीबतें उठाई, उसका वर्णन करना भी मुश्किल है । जब इधर परदेशी हुकूमत थी, और लड़ाई चलती थी, उस समय बंगाल में भी लड़ाई का क्षेत्र था। हिन्दुस्तान में और इधर वह लड़ाई जीतने के लिए परदेशी हुकूमत ने जो कुछ किया, उसका नतीजा क्या है ? कम-से-कम ३० लाख आदमी बंगाल में भूख से मर गए। उन्हें खाना नहीं मिला। उस समय पर कोई चिल्लानेवाला भी नहीं था। लेकिन आज हमारी पुलिस से आप क्यों नाराज हों ? आप देखें कि पुलिस में कौन हैं ? उसमें बंगाल के नौजवान ही तो हैं। हमारे बंगाल में पुलिस आफिसरों से पूछ लीजिए कि पुलिस में बंगाल के लोग कितने हैं। मैंने पूछा तो उन्होंने कहा कि करीब सेवन्टी परसेंट (सत्तर प्रतिशत ) हैं। और नई भरती में तो सौ फी सदी हमने बंगाल के लोग लिए हैं। अब आप उसको क्या करोगे? उस पर गोला मार कर क्या करोगे ? उस पर क्रेकर फेंकने से, उसको पीटने से आपको क्या फायदा होगा? कभी आपने ख्याल किया कि ये गोला फेंकने वाले भी हमारे ही नौजवान हैं और रोकने वाले भी हमारे ही लोग है ? वह जो रोकता है, वह किस लिए रोकता है ? आप ही के लिए तो। जब लोग कहते हैं कि इधर सिविल लिबर्टी ( नागरिक स्वतन्त्रता) नहीं है, तब मैं हैरान हो जाता हूँ कि कहां भाग गई सिबलि लिबर्टी ? क्या विलायत