पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३५४

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मुझे बंगाल का दर्द है ३२३ उठाया? तब कितने लोग भूख से मरते थे। उस समय पर जो यहाँ बाढ़ आई, तो आप ही ने वह बाड़ बरदाश्त की थी। दुष्काल आया तो उसको बरदाश्त किया, उसका भी सामना किया। उससे भी नहीं डरे । तो अब आप यह क्या कर रहे हैं ? इस चीज़ को हमें खत्म करना चाहिए और सब को साथ मिलकर काम करना चाहिए। मिनिस्ट्री के लिए हमें आपस में झगड़ना नहीं चाहिए । यह दुनिया का राज चलाने का ढंग नहीं है। इस तरह से कुछ भी काम नहीं चल सकता है। किसी ने बुरा काम किया तो उसको पकड़ना चाहिए । उसको ठीक रास्ते पर लाना चाहिए । जो हो सके, जो बात सिद्ध हो सके, उसको सामने लाना चाहिए। यदि कलकता के नागरिक अपनी गवर्नमेंट की बुराई करें, तो उसमें उनकी अपनी ही बुराई होगी। क्योंकि जैसे लोग हैं, वैसा ही राजा होता है। जैसे लोग होते हैं, उनके लायक ही राज मिल जाता है। यह मानता हूँ कि आज हम सब को मिलकर, एक दूसरे को साथ लेकर, काम करना चाहिए । तभी हमारी बेहतरी हो सकती है। अब मैंने आपसे जो कुछ कहा, उसपर आप सोचें और उसपर ख्याल करें। मेरे लिए बार-बार तो इधर आना भी मुश्किल है। लेकिन मेरे दिल में आग भरी है, और मेरे दिल में कलकत्ता के लिए गहरी सहानुभूति है । वह मुझको इधर बुलाती है, इसीलिए मैं यहाँ आया। मैं आप से बहुत नम्रता से प्रार्थना करता हूँ कि एक तो आप अपने शहर में कोई प्रान्तीय भावना न रखें, कोई ऐसा झगड़ान रखें। साथ मिलकर काम करें, क्योंकि इस मुल्क की आज की स्थिति में, इस शहर में कितने ही और और प्रान्तों के लोग है, और उन सब के पास आपका उद्योग पड़ा है। उनके साथ मिलकर हमें काम करना है। वह आप की मदद से ही हो सकता है । वह झगड़े से नहीं हो सकता । दूसरा जो फिसाद यहाँ हो रहा है, उसको भी बन्द करना है, और अपना रोजगार बढ़ाना है । वह किस तरह से बढ़े, उसके लिए हमें इधर की आबोहवा बदलनी है कि हमारा धन बढ़े। जब धन की वृद्धि होती है, तभी उसके बाँटने का समय आता है । हाँ, बाँटने के समय पर आप अपना हक ले सकते हैं। लेकिन जब पैदा न हो, तब तो किसी को कुछ भी नहीं मिलेगा। तो उसके लिए तैयारी करो। अगर हमारी पुलिस में कोई त्रुटि हो, तो हमारी सरकार के पास हमें कहना है । पुरानी बातें हमें भूल जानी है कि हमारी पुलिस रिश्वत खाती