पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३६४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

दिल्ली प्रदर्शनी का उद्घाटन फसे हुए हैं। वहाँ बहुत झगड़ा है, बहुत मारपीट और बहुत खून-खराबी चल रही है । इन सब से हमें अपने मुल्क को बचा लेना चाहिए। जब चारों तरफ आग फैल रही है, तो उस से बचना आसान काम नहीं है । यह बड़ा विकट काम है । लेकिन काम करने में तो मजा ही तब आता है, जब उसमें मुसीबत होती है। मुसीबत में काम करना ही बहादुरों का काम है, मर्दो का काम है । कायर हो मुसीबतों से डरते हैं। लेकिन हम कायर नहीं है, हमें मुसीबतों से डरना नहीं चाहिए। हमारे आसपास जो कुछ हो रहा है, उससे बचने के लिए हमें एक ही कोशिश करनी चाहिए और वह यह कि हमारा हिन्दुस्तान गान्धी जी के बताए मार्ग पर चले। आज की परिस्थिति में हमें अपनी गवर्नमेंट का साथ देना चाहिए। इस प्रदर्शनी में जो चीजें हैं, उन्हें देख कर हमें दृढ़ निश्चय करना चाहिए कि हम अपने मुल्क में बनी चीजों का ही उपयोग करेंगे और जहाँ तक हो सकेगा, परदेशी चीजों को छोड़ देंगे। आपसे प्रार्थना है कि आप सब लोग इसी पर चलने की कोशिश करें।