पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३७

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भारत की एकता का निर्माण बार कहता हूँ कि पाकिस्तान का अगर कोई दुश्मन है, तो वह पाकिस्तान के भीतर है, बाहर कोई नहीं। आप अपने को संभाल लो, हमारे यहाँ पाकिस्तान का कोई बरा नहीं चाहता। हम तो आप का भला ही चाहते हैं। कभी-कभी कोई कहता है कि पाकिस्तान और हिन्दुस्तान आखिर एक: हो जाएँगे। मैं यह नहीं कहता हूँ। मैं कहता हूँ कि अब अलग ही रहो । आपको बहुत नमस्कार है । आप वहीं बैठे रहो । हमें आना नहीं है । क्योंकि हमने बहुत अनुभव कर लिया है । आप अपनी जगह बैठ कर देख लीजिए। आप अच्छे हो जाएँगे, तो हम खुश रहेंगे। लेकिन मेहरबानी करके हमको अपना काम करने दीजिए । वह तो नहीं होता है, और पाकिस्तान कभी सिक्खों पर कसूर का बोझ डालता है, कभी हमारे पर कसूर का बोझ डालता है, और कभी गवर्नमेंट पर। लेकिन अपनी गलती अभी महसूस नहीं करता है। जो.आदमी अपनी गलती महसूस नहीं करता, उसका भला कभी नहीं हो सकता। पाकिस्तान गिरेगा, तो वह अपने पाप से ही गिरनेवाला है, हमारे गिराने से कोई नहीं गिरेगा। तो अब आप देखें कि जब हमन फैसला किया कि अलग-अलग दो हिस्से कर दिए जाएं, तो उसके बाद क्या हुआ? उसके बाद जो कार्रवाई हुई, उसमें हमारा दोष नहीं है, ऐसा मैं नहीं कहता। हमारा भी पूरा दोष है । लेकिन जो दोष उनका है, वैसा हमारा दोष नहीं है । और आज भी हमारी ख्वाहिश है कि दंगा-फसाद न हो। क्योंकि हमारे यहाँ चार साढ़े-चार करोड़ मुसलमान पड़े हैं और उनके लिए हिन्दुस्तान के सिवा कोई दूसरी जगह नहीं है । उनमें से बहुत-से मुसलमानों के साथ हमारी जिन्दगी भर की मोहब्बत है। उनके साथ हम.दगाबाजी नहीं करना चाहते । क्योंकि जो कोई छोटी-मोटी चीज के लिए अपने मित्रों के साथ दगाबाजी करता है, वह कभी कोई बड़ा काम नहीं कर सकता । उधर पाकिस्तान के मुसलमानों के अखबार आप देखें । 'डॉन' रोज रोज जो पढ़ते हैं वे जरा देखें; वहाँ के और अखबार देखें। अब वे कहते हैं कि मुसलमानों का सब से बड़ा दुश्मन मैं ही हूँ। मेरा.ही. नाम एक समय ऐसा भी था जब. कि ये सब.कहते थे, खुद कायदे-आज़म भी कहते थे, बाकी सब लोग भी कहते थे कि गान्धी मुसलमानों का. एनिमी नं०१ ( पहले नम्बर का शत्रु ) है.। वह अब मुसलमानों का सब से बड़ा दोस्त हो गया है । मुसलमानों का अगर कोई परम मित्र और रक्षक है. तो गान्धी जी 4 लेते हैं।