पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३७५

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भारत की एकता का निर्माण तक हमको पाकिस्तान का भरोसा न हो, तब तक हमें हिन्दुस्तान को संभालने के लिए लश्कर रखना ही पड़ेगा । उसके लिए करोड़ों रुपया खर्च करना ही पड़ेगा । हम वैसा न करें, तो हम भी गुनहगार बन जाएंगे, क्योंकि यह सारे हिन्दुस्तान की सलामती की जिम्मेवारी का सवाल है । तो हमें देखना पड़ता है कि हमारा पड़ोसी क्या करता है । पाकिस्तान कहता है कि दुनिया में हमारा एक ही दुश्मन है और वह है हिन्दुस्तान । जब वे ही खुल्लमखुल्ला ऐसा कहते हैं, तो हम उतना तो न करें, पर यह तो मान लें कि वे हमें अपना दुश्मन समझते हैं। ऐसी बात है, तो हमें भी सावधान रहना चाहिए। यदि मोहब्बत करनी हो, तो आज भी हमारे प्राइम मिनिस्टर साब पाकिस्तान से कहते हैं कि हम दोनों को आपस में ऐसा करार कर लेना चाहिए कि किसी सूरत में हम आपस में लड़ाई नहीं करेंगे। जब हमको मालूम पड़ेगा कि दिल और ज़बान के बीच में कोई अन्तर नहीं है, तभी वह वात होगी। जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक वहां से फौज को निकालना पाप मैं पूछता हूँ कि बताइए आपने सिन्धियों को क्यों निकाला ? पंजाब के बारे में तो में मान लेता हूँ कि आप कहेंगे कि पंजाबी हिन्दू मुसलमान एक दूसरे की अदला बदली और मार-पीट करते हुए भागने लगे। लेकिन सिन्धियों को आपने क्यों निकाला? इसका जवाब मुझको दीजिए । है कोई जवाब आपके पास ? अब हम किससे कहें कि हमें आपस में ऐसा करार करना है कि कभी लड़ाई न करनी पड़े। एक तरफ तो आपका कहना है कि हिन्दोस्तान में रहने- वाले तीन करोड़ मुसलमानों की जवाबदारी हमारे सिर पर है। दूसरी तरफ कहना है कि हमारा एक ही दुश्मन है । तो हम कहते हैं कि हम तुम्हारी बात मानते हैं । ठीक है । तुम्हारी बात मानकर हमें सावधान रहना चाहिए । लेकिन इस पर भी हम यह कभी नहीं कहेंगे कि तुम हमारे दुश्मन हो। क्योंकि हम समझते हैं कि तुम दुश्मन रहना चाहो तो भी नहीं रह सकोगे, दुनिया की ऐसी हालत हो गई है । इधर रहनेवाले करोड़ों मुसलमान एक-न-एक दिन इस बात को समझ जाएंगे कि यह गलती हुई है। भले ही टुकड़ा हो और अपनी-अपनी ताकत से चाहे जैसा कार्य चलाएँ। लेकिन अपना घर-बार छोड़ कर अपना वतन, अपनी मंजिल छोड़ कर भागना-भगाना किसको पसन्द आएगा? इस समय पर में ज्यादा खोलकर नहीं कहना चाहता। क्योंकि मैं नहीं चाहता कि कौमों का जहर और आगे बड़े । मैं यह कहना चाहता हूँ कि हमारे और रत