पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३८१

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- ३४८ भारत की एकता का निर्माण उस सब के लिए हमें आप लोगों की मदद चाहिए। यदि आप लोग ऐसी आबोहवा इधर पैदा करेंगे तो मेरा काम सरल हो जायगा। तब आप देखेंगे कि में इस तरह से चलनेवाला आदमी नहीं हूँ कि किसी के ऊपर द्वेष-भाव से कोई काम करूं। यह होता तो मैं जिस जगह पर बैठा हूँ, उस जगह पर बैठने के लायक नहीं होता। यह बात तो आप समझ गए होंगे । एक और बात में आपको कहना चाहता हूँ। वह यह कि हमारे देश में बहुत सालों से गुलामी आई और जिस तरह से हुकूमत चलाई गई, ( मैं अकेले हैदराबाद की हुकूमत की बात नहीं कह रहा हूँ। क्योंकि हैदराबाद की हुकूमत भी तो हिन्दोस्तान की बड़ी सलतनत की छाया में चलती थी) उसने हिन्दुस्तान को बेकार बना दिया, हिन्दुस्तान के लोग आलसी बन गए, लोग बेकार हो गए, क्योंकि कोई काम करने को रहा ही नहीं। तो करोड़ों लोग बेकार हो गए। परन्तु अब हमारा अपना राज हो गया है। आज हमारे करोड़ों बेकार लोग कुछ- न-कुछ धन पैदा करने में लग जाएँ और वे ज्यादा धन पैदा करन लगें, तो उसी से हिन्दुस्तान का कल्याण है । इसके बिना हमारा काम नहीं चलेगा। हमें यह बाँध लेना चाहिए कि बरसों की गुलामी से हमारा देश कंगाल हो गया है और जब तक हम सब मिलकर काम नहीं करेंगे, इस कंगाली से हमारा छुट- कारा होनेवाला नहीं है । मुल्क में जो थोड़ा-सा धन है, वह बराबर बराबर बाँट देने से भी काम नहीं चलनेवाला। यह बात हम बाँध लें, क्योंकि यहाँ करोड़ों बेकार हैं और भूखे मरते हैं। हमें यहाँ एक और बात की भी फिक्र है, जिस बात ने हैदराबाद को सारो दुनिया में मशहूर कर दिया है । वह यहां का नवगंज एरिया है, जिसमें कम्यूनिस्ट लोग कोई-कोई काम करते हैं। वहां जो लोग सब फिसाद कर रहे हैं, वह सब तो कम्यूनिस्ट नहीं हैं, गुंडे भी है, क्योंकि उनको लूटपाट का मौका मिल गया है । लेकिन उनको जोड़नेवाले हैं कम्युनिस्ट लोग । यदि उनके दिल में यह हो कि हिन्दुस्तान में चीन की तरह साम्यवादी पथ बने, तो वे लोग पागल लोग हैं। मैं कहना चाहता हूँ जिस प्रकार ये लोग कर रहे हैं, उस प्रकार तो चाईना बालों ने भी नहीं किया । मैं नहीं समझता हूँ कि दुनिया में कोई भी कम्युनिस्ट वैसा पागलपन करेगा, जैसा कि हिन्दुस्तान में किया जा रहा है। हमारे जो बेचारे गरीब देहात में हैं, उनको गोली से मारना, कुल्हाड़ी से मारना, टुकड़ा करना, औरतों को भी नहीं छोड़ना, उनको भी मारना, यह सब क्या