पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/४३

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भारत की एकता का निर्माण के लिए पूरा इन्तजाम करेंगे। लेकिन जो लोग वहाँ रहते हैं, उनसे आप पूछिए कि वे कैसा इन्तजाम करते हैं। आज सिन्ध में रहनेवाले हिन्दू हमारे पास चिट्ठी लिखते हैं कि बे बहुत दुखी हैं। दो महीना हो गया, मैंने बम्बई से कुछ जहाज भेजने का बन्दो- वस्त भी किया था और कहा था कि इधर चले आओ। उस समय पर उन लोगों में आपस में कुछ फूट हुई, कुछ हमारे अपने लोग भी कहने लगे कि नहीं, सिन्ध में कोई दिक्कत नहीं है, वहाँ ही रहो । सिन्धी मुसलमान भी यही चाहते हैं। ठीक बात है। लेकिन सिन्धी मुसलमान की खुद वहाँ चलती ही कहाँ है । वहाँ तो लखनऊ के मुसलमान को या तो पंजाब के मुसलमान की चलेगी, वहाँ सिन्धी मुसलमान की क्या बात चलेगी? तो पाकिस्तान तो इस प्रकार बना है कि उसमें कानून से काम नहीं चलेगा, जिसमें किसी एक सत्ता से काम नहीं चलेगा, वहाँ तो हर आदमी नवाब हो जाएगा और अपनी-अपनी मर्जी से, जैसा दिल में आएगा, वैसा काम चलाएगा। कोई उसे कब्जे में नहीं रख सकता है । आज ऐसी हालत वहाँ शुरू हो गई है। तो वहाँ से अब हिन्दू लोग लिखते हैं कि उनके लिए वहाँ रहना एक मुसीबत हो गई है। वे वहाँ से निकलना चाहते हैं, वहाँ रह नहीं सकते। तो आठ-दस लाख हिन्दुओं को हमें वहाँ से निकालना है। इधर कई लोग कहते हैं कि इतने ही मुसलमान इधर से निकालो। यह ठीक बात नहीं है। इस रास्ते से हमारा काम नहीं होगा। यदि हमें पाकिस्तान के साथ हिसाब करना है, तो वह इधर के मुसलमानों के साथ नहीं किया जा सकता। यदि हमारे आदमी वहाँ न रह सकें और वहाँ उन्होंने एक कम्युनल ( साम्प्रदायिक ) राज बना दिया है, तो उन्हें बनाने दो । हम वैसा क्यों करें ? उनको लड़ने की ख्वाहिश हो, तो हम तीस करोड़ पड़े हैं। हमारा मुल्क बहुत बड़ा है । हमारी धरती में इतना धन पड़ा है, हमारे पास इतने साधन हैं। लेकिन अगर हम पागल हो जाएँ तो कोई काम की बात नहीं कर सकेंगे। लेकिन अगर हम ठीक रास्ते पर चलें और अपने दिमाग पर काबू रक्खें तो हमारे पास इतना सामान है कि पाकिस्तान की लड़ने की ख्वाहिश भी हो तो भी वह हमारा कुछ न बिगाड़ सकेगा। वह तो अभी बच्चा है । कल ही तो उसका जन्म हुआ है। वह क्या करेगा? मैं देखता हूँ कि कई नौजवानों में लश्करी ( लड़ाई) की तालीम लेने की स्वाहिश है । यह बहुत अच्छी बात है । लश्करी तालीम लेना, वह आज की हालत