पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/५६

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लखनऊ ४६ मिलती है। बाहर से लाने की कोशिश करते हैं, तो उसमें और मुसीबत आती है। तो आप लोगों को यह समझना चाहिए कि यह रास्ता गलत है। इस रास्ते पर जाने से फायदा नहीं है । हमारा यूनाइटेड प्रोविन्स ( उत्तर प्रदेश ) सब से बड़ा प्रान्त है ! उसमें पन्त जी हमारे प्रधान मन्त्री हैं और सरोजनी देवी गवर्नर हैं । अब देशभर में जितने प्रधान हैं, सब हमारे अपने हैं। अब अंग्रेज की शक्ल भी दिखाई नहीं देती। कोई परदेसी अब नहीं है। पुलिस हमारी है, मिलिटरी हमारी है, फौज हमारी है । अब हमारे रास्ते में क्या रुकावट है, जो बीच में आती है ? हिन्दुस्तान के उठाने में असल में अब कोई रुकावट है, तो खाली वह हमारी अपनी बेवकूफी है। बहुत सालों के बाद हमारी गुलामी गई है, और अब मौका आया है कि हम उसका उपयोग करें। यदि हम उसका सच्चा उपयोग करेंगे, तो दुनिया में हमारी इज्जत बढ़ेगी। तभी दुनिया में हम और मुल्कों के साथ आगे की जगह ले सकते हैं। कल वर्मा स्वतन्त्र हो गया, परसों दूसरा होगा। सारा एशिया खण्ड स्वतन्त्र होगा। लेकिन इस सब का आधार हिन्दुस्तान के ऊपर है। यदि एशिया की नेतागीरी ( लीडरशिप ) किसी के पास चाहिए तो वह हिन्दुस्तान को लेनी चाहिए । वह लेनी हो, तो हमें उसके लिए ठीक ढंग से काम करना होगा। आज तक तो हम एक ही रास्ते पर गए कि हाँ कानून तोड़ो, जेल में जाओ। उसी रास्ते पर हमने काम किया। पर आज भी उसी रास्ते पर चले जाओ, तो यह तो खुदकशी होगी। क्योंकि वह सब तो परदेसियों के साथ लड़ने के लिए था, उनको यहाँ से हटाने के लिए था। तब वह रास्ता ठीक था। लेकिन आज बह रास्ता काम का नहीं है। तो अपनी सरकार के सामने भी वही रास्ता, वहीं हथियार लिया जाए, यह मूर्ख लोगों का काम है। उसमें कोई फायदा नहीं है । तो मैंने आपको समझाने की जो कोशिश की, वह यही है कि अब ऐसा मौका फिर नहीं आएगा। अगर हम इसे गंवा देंगे, तो बेवकूफ बनेंगे। मैंने आपका कुछ समय तो लिया, लेकिन मेरे दिल में जो बात थी, वह मैंने आपके सामने रख दी है। मैं कोई चीज छिपाना नहीं जानता हूँ और साफ साफ बात कहता हूँ। चाहे हिन्दू हो, चाहे मुसलमान हो, चाहे सिक्ख हो, सब के सामने मैं साफ बात कहने वाला आदमी हूँ। नौजवानों को बुरा लगे, आर. एस० एस० वालों को बुरा लगे, लेकिन मेरे दिल में सबके लिए मुहब्बत है । मैं सबको यह समझाने की कोशिश करता हूँ कि ऐसा मौका फिर नहीं भा०४