पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/८२

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बम्बई, चौपाटी पैदा करो?" यह उनका स्लोगन (नारा) है । “ज्यादा पैदा करो और स्ट्राइक न करो।" और दोनों मिलकर आज इस तरह से काम करते हैं कि आज वहाँ प्रोडक्शन ( उत्पादन ) बढ़ गया है। अब हम तो स्ट्राइक के बाद तनख्वाह बढ़ाएँ, लेकिन तनख्वाह बढ़ाने के बाद काम बढ़ाने की बात नहीं बनती। यह तो उल्टी बातें करते हैं। ऐसा ही रहा तो हम गिर जानेवाले हैं। तो मैं आप लोगों को यह समझाना चाहता हूँ कि यदि हम इस चीज को नहीं समझेंगे, तो हमारा काम कभी न बनेगा। हम अब ज्यादा बोझ नहीं खेंच सकते हैं। और चन्द दिन खींचे, तो भी वह काम नहीं चलेगा। लेकिन हम चाहते हैं कि यह चीज़ सब समझे कि जब तक हमारे मुल्क का प्रोडक्शन नहीं बढ़ेगा, जब तक हमारा मुल्क ज्यादा धन नहीं पैदा करेगा, तब तक म उठ नहीं सकेंगे। क्योंकि हमारा मुल्क बहुत गिरा है । यह शायद आपको मालूम नहीं। हम पहले तो कर्जदार थे, आज हम लेनदार हैं। लेकिन लेनदार होते हुए हमारी हालत कर्जदार से बुरी हो गई है। क्योंकि कर्जा तो मिलनेवाला नहीं है और कर्जा तो खून का बूंद-बूंद निकाल कर ले गया लेने वाला। अब हम मुर्दार पड़े हैं। इतना नासिक में नोट छाप-छाप के रुपया तो बनाया। खूब इंफ्लेशन कर दिया । उसका असर आज हमारे ऊपर पड़ रहा है। हमारी इकोनॉमी ( आर्थिक व्यवस्था ) पर। बहुत गिर गए है हम । उसका किसी को ख्याल नहीं है। तो मैं यह चाहता हूँ कि में जो बात करता हूँ, उसको अच्छी तरह से सद्भाव से समझ लो। मैं आपकी कोई बुराई नहीं करना चाहता। लेकिन मैं आपको समझाना चाहता हूँ कि इस तरह से आप गलत काम करते रहेंगे, तो मुल्क को तो नुकसान ही होने वाला है, फायदा नहीं होगा। जब पंडित नेहरू ने यह कहा कि तीन साल का दूस करो, तो आप को समझना चाहिए कि वह तो कोई आप से कम दर्जे का सोशलिस्ट नहीं है। मुझको आप कहो कि में कैपिटलिस्ट का एजेंट हूँ। मुझे आप सब चीज़ कह सकते हो। क्योंकि मुझको तो आप जानते ही नहीं हैं। लेकिन उनको आप यह नहीं कह सकते हैं। जब उसने कहा कि ट्रस करो, तो दूसरे ही दिन आपने वह ट्रस तोड़ दिया। अब वह तो कांग्रेस में से निकल जाते हैं। ठीक है निकल जाओ लेकिन आप लोगों का काम है कि कांग्नेस को कमजोर न होने दें। कांग्रेस ने तो अभी आपको आजाद ही कराया है। असली काम तो अब हमें शुरू करना है । मुल्क में से परदेसी हुफमत हट जाने से हमको मौका मिला है कि हम